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प्रादेशिक

आंध्र को विशेष राज्य के मुद्दे को संसद में उठाएगी वाईएसआर कांग्रेस

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आंध्र को विशेष राज्य के मुद्दे को संसद में उठाएगी वाईएसआर कांग्रेस

हैदराबाद | वाईएसआर कांग्रेस ने रविवार को फैसला किया कि वह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने का मुद्द संसद के बजट सत्र में उठाएगी। पार्टी के अध्यक्ष वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई वाईएसआर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।

केंद्र सरकार पर दबाव डालने के लिए जगनमोहन रेड्डी ने अपने दल के सांसदों को यह मुद्दा संसद में उठाने को कहा। विशेष दर्जे को आंध्र प्रदेश की जीवन रेखा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके बिना राज्य का कोई भविष्य नहीं होगा।

आंध्र प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि राज्य को विशेष दर्जा देने का अपना वादा पूरा करने की जगह केंद्र ने विशेष पैकेज की घोषणा की है जो राज्य की समस्याओं का हल नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विशेष पैकेज के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। जगनमोहन ने कहा कि विशेष दर्जे का कोई विकल्प नहीं है और पार्टी नेताओं को लोगों के बीच इसे लेकर जागरूकता फैलानी होगी।

संसद सदस्य एम. राजमोहन रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बैठक में बजट सत्र में अपनाए जाने वाली रणनीतियों पर चर्चा हुई। विशेष दर्जे को लेकर पार्टी की एक निजी विधेयक पेश करने की योजना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की बात कही थी, जिससे वह मुकर गई है।

राजमोहन रेड्डी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और तेलुगू देशम पार्टी, दोनों ने राज्य को 10-15 साल के लिए विशेष दर्जा देने का वादा किया था। लेकिन, अब वे यह कह कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं कि विशेष दर्जे से राज्य को कोई फायदा नहीं मिलेगा।

सांसद ने कहा कि विशेष दर्जा मिलने पर उद्योग के लिए राज्य को सब्सिडी मिलेगी। उन्होंने दावा किया कि विशेष दर्जा मिलने से 11 राज्यों का विकास हुआ है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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