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आईआईएम को पूर्ण स्वायत्तता, अब देंगे डिग्रियां

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IIMनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारतीय प्रबंध संस्थानों (आईआईएम) को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी और देश के सभी आईआईएम को ‘राष्ट्रीय महत्व वाले संस्थान’ का दर्जा भी प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दी, जिसके अनुसार, सभी आईआईएम को संवैधानिक शक्तियां प्रदान की गई हैं और अब आईआईएम डिप्लोमा के बजाय विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान करेंगे।

अब तक सोसाइटीज एक्ट के तहत पंजीकृत स्वायत्त संस्थानों के रूप में आईआईएम को डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं था। अब तक आईआईएम से प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा और शोध कार्य के पाठ्यक्रम संचालित होते थे।

हालांकि इन्हें अब तक एमबीए और पीएचडी के समतुल्य माना जाता रहा है, लेकिन हर जगह यह समतुल्यता मान्य नहीं थी, खासकर शोध कार्यो के मामले में।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ऐसे संस्थानों को ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ का दर्जा देता है, जो देश के किसी खास हिस्से में उच्च कौशलयुक्त कर्मियों के विकास में अहम भूमिका निभाता हो।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इस समय देश में 74 संस्थान ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ घोषित हैं। इस विधेयक के तहत देश के सभी आईआईएम की पर्याप्त जवाबदेही भी तय की गई है। अब से सभी आईआईएम संस्थानों की वार्षिक रपट संसद में पेश की जाएगी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) उनके खातों की जांच करेंगे।

अब से इन संस्थानों को प्रबंधन बोर्ड संचालित करेगा तथा बोर्ड में आईआईएम से शिक्षा प्राप्त वरिष्ठ विद्यार्थियों के अतिरिक्त विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। बोर्ड में महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के सदस्यों को शामिल करने का भी प्रावधान रखा गया है।

विधेयक के अनुसार, हर आईआईएम की नियमित अंतराल पर स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा समीक्षा की जाएगी और समीक्षा के परिणाम सार्वजनिक भी किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “आईआईएम विधेयक का मुख्य उद्देश्य आईआईएम संस्थानों को पूर्ण स्वायत्तता देना, प्रभावी प्रशासन, वरिष्ठ विद्यार्थियों की अधिक से अधिक प्रतिभागिता है।”

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया है।

जावड़ेकर ने कहा, “देश के सभी आईआईएम को पूर्ण स्वायत्तता देना ऐतिहासिक है और अब वे डिग्रियां प्रदान करेंगे। हमारा उत्कृष्टता और गुणवत्ता पर विश्वास है। यह मोदी सरकार की उच्च शिक्षा को लेकर दूरदृष्टि को दर्शाता है।”

आईआईएम कोलकाता के निदेशक सैबल चट्टोपाध्याय ने आईआईएम विधेयक की सराहना की और उम्मीद जताई कि संसद में जल्द ही इस विधेयक को पारित करवाया जाएगा।

चट्टोपाध्याय ने आईएएनएस से कहा, “यह बहुत अच्छी खबर है, हम इसी का इंतजार कर रहे थे। मुझे पूरी उम्मीद है कि शेष औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी और विधेयक को संसद में पारित करवा लिया जाएगा।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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