Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

आईआईएम को पूर्ण स्वायत्तता, अब देंगे डिग्रियां

Published

on

Loading

IIMनई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को भारतीय प्रबंध संस्थानों (आईआईएम) को पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी और देश के सभी आईआईएम को ‘राष्ट्रीय महत्व वाले संस्थान’ का दर्जा भी प्रदान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी दी, जिसके अनुसार, सभी आईआईएम को संवैधानिक शक्तियां प्रदान की गई हैं और अब आईआईएम डिप्लोमा के बजाय विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान करेंगे।

अब तक सोसाइटीज एक्ट के तहत पंजीकृत स्वायत्त संस्थानों के रूप में आईआईएम को डिग्री प्रदान करने का अधिकार नहीं था। अब तक आईआईएम से प्रबंधन में पीजी डिप्लोमा और शोध कार्य के पाठ्यक्रम संचालित होते थे।

हालांकि इन्हें अब तक एमबीए और पीएचडी के समतुल्य माना जाता रहा है, लेकिन हर जगह यह समतुल्यता मान्य नहीं थी, खासकर शोध कार्यो के मामले में।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ऐसे संस्थानों को ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ का दर्जा देता है, जो देश के किसी खास हिस्से में उच्च कौशलयुक्त कर्मियों के विकास में अहम भूमिका निभाता हो।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इस समय देश में 74 संस्थान ‘राष्ट्रीय महत्व के संस्थान’ घोषित हैं। इस विधेयक के तहत देश के सभी आईआईएम की पर्याप्त जवाबदेही भी तय की गई है। अब से सभी आईआईएम संस्थानों की वार्षिक रपट संसद में पेश की जाएगी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) उनके खातों की जांच करेंगे।

अब से इन संस्थानों को प्रबंधन बोर्ड संचालित करेगा तथा बोर्ड में आईआईएम से शिक्षा प्राप्त वरिष्ठ विद्यार्थियों के अतिरिक्त विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। बोर्ड में महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के सदस्यों को शामिल करने का भी प्रावधान रखा गया है।

विधेयक के अनुसार, हर आईआईएम की नियमित अंतराल पर स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा समीक्षा की जाएगी और समीक्षा के परिणाम सार्वजनिक भी किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “आईआईएम विधेयक का मुख्य उद्देश्य आईआईएम संस्थानों को पूर्ण स्वायत्तता देना, प्रभावी प्रशासन, वरिष्ठ विद्यार्थियों की अधिक से अधिक प्रतिभागिता है।”

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया है।

जावड़ेकर ने कहा, “देश के सभी आईआईएम को पूर्ण स्वायत्तता देना ऐतिहासिक है और अब वे डिग्रियां प्रदान करेंगे। हमारा उत्कृष्टता और गुणवत्ता पर विश्वास है। यह मोदी सरकार की उच्च शिक्षा को लेकर दूरदृष्टि को दर्शाता है।”

आईआईएम कोलकाता के निदेशक सैबल चट्टोपाध्याय ने आईआईएम विधेयक की सराहना की और उम्मीद जताई कि संसद में जल्द ही इस विधेयक को पारित करवाया जाएगा।

चट्टोपाध्याय ने आईएएनएस से कहा, “यह बहुत अच्छी खबर है, हम इसी का इंतजार कर रहे थे। मुझे पूरी उम्मीद है कि शेष औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी और विधेयक को संसद में पारित करवा लिया जाएगा।”

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending