प्रादेशिक
आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफल हुए चालक, मिस्त्री के बेटे
पटना | इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में प्रवेश इस क्षेत्र में जाने की चाह रखने वाले हर विद्यार्थी का सपना होता है। वैसे परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति छात्रों की राह और चाह में बाधा जरूर बनती है, लेकिन मंजिल पाने सच्ची लगन और दृढ़निश्चय हो, तो किसी के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को इंजीनियरिंग की तैयारी कराने वाले संस्थान ‘सुपर 30’ के छात्रों ने इसी मूलमंत्र को लेकर गुरुवार को आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में एक बार फिर परचम लहराया है। आईआईटी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई एडवांस) के गुरुवार को आए नतीजे में वैसे तो बहुत से छात्र-छात्राएं सफल रहे हैं। लेकिन सफल छात्रों में कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जिनके अभिभावकों को आईआईटी की सही से जानकारी भी नहीं है। कुछ छात्रों की तो प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भी उन सरकारी स्कूलों में हुई हैं, जहां न विद्यालय में सभी विषयों के शिक्षक ही उपलब्ध थे न पर्याप्त आधारभूत संरचना। बिहार के मधुबनी जिले के नीरज झा ने इस वर्ष आईआईटी प्रवेश परीक्षा में 1,217 वां रैंक हासिल किया है। नीरज के पिता भगवान झा कोलकता में टैक्सी चालक हैं। नीरज ने बताया, “पिताजी के कमाए पैसे से परिवार का भरण पोषण कठिन है, ऐसे में रात दिन मेहनत कर उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए हैं।” नीरज का कहना है कि वह अब और कड़ी मेहनत से पढ़ाई करेगा बढ़िया रोजगार हासिल कर और परिवार की गरीबी दूर करने में पिताजी की सहायता करेगा।
बिहार के नालंदा जिले के ब्रह्मस्थान गांव के रहने वाले योगेश्वर कुमार और सरिता आरती के पुत्र प्रेमपाल कुमार भी आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उतीर्ण हुए हैं। नतीजे आने के बाद प्रेमपाल की खुशी का ठिकाना नहीं है, क्योंकि उसने शुरू से ही इंजीनियर बनने का सपना देखा था। प्रेमपाल ने कहा, “खेत में मजदूरी करने वाले मेरे पिता को यह भी नहीं मालूम कि आईआईटी होता क्या है। अभाव के बीच सरकारी विद्यालय से किसी तरह 10 वीं पास करने के बाद मुझे ‘सुपर 30’ की जानकारी मिली और मैं तैयारी के लिए पटना आ गया।” प्रेमपाल ने बताया कि उसने आईआईटी में पढ़ने और इंजीनियर बनने का सपना जरूर देखा था, लेकिन जिस परिवेश में उसने प्रारंभिक पढ़ाई की थी, उसके लिए यक बेहद मुश्किल था। झारखंड के नक्सल प्रभावित हरिहरगंज थाना क्षेत्र के पीपरा गांव के लोगों की तो खुशी का आज ठिकाना ही नहीं है, क्योंकि जिस गांव तक पहुंचने तक के लिए सड़क नहीं है उस गांव के लाडले मनीष कुमार आज आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफल हुए हैं। मनीष के पिता डालटनगंज में एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। मनीष ने बताया, “आज गांव में पिताजी का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। उन्होंने जो सपना देखा था, वह आज पूरा हो गया।”
झारखंड के हजारीबाग जिले के रहने वाले राजमिस्त्री विजय प्रजापति के बेटे राहुल आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में 1,316 रैंक लेकर उतीर्ण हुए हैं। राहुल ने बताया कि उसने पिता की गरीबी को नजदीक से देखा है। शहर में राजमिस्त्री काम नहीं मिलने पर पिता दूसरे के खेत में मजूदरी करते हैं, तब जाकर उसके घर में चूल्हा जल पाता है। राहुल ने कहा कि आईआईटी में पढ़ने का उसका सपना ‘सुपर 30’ के संचालक आनंद सर के कारण ही पूरा हुआ है। उल्लेखनीय है कि आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में छात्रों को तैयार कराने के लिए चर्चित ‘सुपर 30’ के 30 में से 25 छात्रों ने इस वर्ष प्रवेष परीक्षा में सफलता पाई है। परिणाम आने के बाद सुपर 30 परिसर में छात्रों और सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी गईं। इधर, छात्रों की सफलता पर आनंद ने कहा, “यह सभी छात्रों की मेहनत का परिणाम है।” आईआईटी की प्रवेश परीक्षा के पैटर्न में लगातार हो रहे बदलाव के विषय में ने कहा, “यह उचित नहीं है। लगातार पैटर्न बदलने से छात्रों में उहापोह की स्थिति रहती है। कई अच्छे छात्र भी इसी वजह से असफल हो जाते हैं।”
उन्होंने सरकार से प्रवेश परीक्षा में एक पैटर्न रखने और आधारभूत सवाल पूछे जाने की मांग की है। उनका मानना है कि ऐसा होने से छात्रों को कोचिंग की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। गौरतलब है कि पिछले 14 वर्षो से पटना में स्थापित ‘सुपर 30’ से 333 छात्र-छात्राएं आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में सफल हो चुके है। सुपर 30 में बच्चों को आईआईटी की प्रवेश परीक्षा की नि:शुल्क तैयारी करवाई जाती है।
IANS News
लखनऊ की ठग महिला, अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल दिखाकर ठगे करोड़ रुपये
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिलाओं से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक महिला जो अपने आप को IAS अधिकारी की पत्नी बनाकर महिलाओं को किटी पार्टी करती थी। जिसके बाद धीरे-धीरे उन महिलाओं से उसने करीब डेढ़ करोड़ की ठगी कर ली। इस मामले में इस ठगी करने वाली महिला पर एफआईआर दर्ज करते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि रश्मि सिंह ने किटी पार्टी के जरिए बिजनेसमैन की पत्नियों और अन्य महिलाओं को अपना शिकार बनाया. पीड़ित महिलाओं के मुताबिक, वह पहले उनसे दोस्ती करती, उन्हें अपने घर बुलाती और छोटे-मोटे गिफ्ट देकर विश्वास हासिल करती. इसके बाद वह म्युचुअल फंड और किटी पार्टी में निवेश करने पर बड़ा लाभ दिलाने का लालच देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेती थी.
किस तरह के बहाना करती थी महिला
* मेरा पति मुझे मारता है, कुछ पैसे चाहिए
* मुझे बच्चों की फीस भरनी है, कुछ पैसे चाहिए
* म्यूच्यूअल फंड से फायदा करवा दूंगी, पैसे दे दो
किस सहेली से कितने पैसे ठगे 👇
* नेहा गाडरू से 13 लाख
* अनामिका राय से 25 लाख
* प्रिया जायसवाल से 38 लाख
* हरजीत कौर से 27 लाख
* लवदीप कौर से 30 लाख
* प्रीति कालरा से 1 लाख
* कोपल श्रीवास्तव से 15 लाख
* पिंकी से 5 लाख
* सारिका जायसवाल से 5 लाख
* हरप्रीत से 1.5 लाख रुपये
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