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खेल-कूद

आईएसएल-4 : चेन्नयन एफसी से हार का हिसाब बराबर करना चाहेगा बेंगलुरू

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चेन्नई, 5 फरवरी (आईएएनएस)| हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन में अब तक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली दो टीमें-बेंगलुरू एफसी और चेन्नयन एफसी मंगलवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आमने-सामने होंगी।

पहले चरण के मुकाबले में चेन्नयन एफसी ने बेंगलुरू को उसी के घर में 2-1 से हराया था और इसी कारण 10 टीमों की अंक तालिका में शीर्ष पर मौजूद बेंगलुरू की टीम अब चेन्नई को उसके घर में हराते हुए न सिर्फ बीती हार का हिसाब बराबर करना चाहेगी बल्कि तालिका में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहेगी।

चेन्नयन एफसी अंक तालिका में दूसरे स्थान पर है और बेंगलुरू की तुलना में उसके चार अंक कम हैं। वैसे जॉन ग्रेगोरी की टीम ने बेंगलुरू की तुलना में एक मैच कम खेला है। अगर चेन्नयन एफसी अपने घर में बेंगलुरू को हराने में सफल रहती है तो उसके तथा सुनील छेत्री की कप्तानी वाली बेंगलुरू के बीच सिर्फ एक अंक का अंतर रह जाएगा।

चेन्नई के लिए यह आसान नहीं होगा क्योंकि बेंगलुरू की टीम लगातार तीन जीत के साथ चेन्नई पहुंची है और इस बार वह हर हाल में चेन्नई को हराकर बीती हार का हिसाब बराबर करना चाहेगा।

ग्रेगोरी ने इस अहम मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके लिए तो चौथा सीजन अब शुरू हुआ है। ग्रेगोरी ने कहा, मेरे लिए चौथा सीजन कल शुरू होगा। यह वह मौका है जब आपको पता लगेगा कि आप कितने पानी में हैं। हर कोई प्लेऑफ पर नजर लगाए हुए है। यह एफ-1 में प्रैक्टिस लैप की तरह है। हम ग्रिड पर दूसरे हैं और अब हमारे लिए रेस कल शुरू होगी। हमें 17 दिनों में पांच मैच खेलने हैं और यही यह तय करेगा कि हम प्लेऑफ में जा पाएंगे या नहीं।

बेंगलुरू के साथ होने वाले मैच के लिए टीम संयोजन के बारे में ग्रेगोरी ने कहा कि उनके पास चयन के लिए पूरी टीम उपलब्ध है लेकिन वह अंतिम-11 का चयन मैच से पहले करना पसंद करेंगे। बकौल ग्रेगोरी, हर कोई फिट और स्वस्थ है। यह काफी अहम समय है। मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा मेडिकल स्टाफ काफी अच्छा है और वह हमारे खिलाड़ियों का काफी ध्यान रखता है।

चेन्नई ने अंतिम मैच में बेंगलुरू को 2-1 से हराया था लेकिन बेंगलुरू के कोच अल्बर्ट रोका मानते हैं कि इससे पहले हुए मैच में चेन्नई के हाथों हार का अगले मैच के लिहाज से उनके खिलाड़ियों पर कोई असर नहीं होगा।

रोका ने कहा, मैं नहीं समझता कि पिछला मैच हमारे दिमाग में होगा। चेन्नई से हारना हमारे लिए सबकुछ खोने जैसा नहीं था। यह सही है कि हम हर मैच नहीं जीत सकते। कल हमें बहादुरी से खेलना होगा और हमारा लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ तीन अंक पाना होगा।

बेंगलुरू एफसी पहली बार आईएसएल में खेल रही है। रोका की टीम ने नई लीग में शानदार प्रदर्शन किया है और खुद को खिताब के दावेदार के रूप में पेश किया है। रोका हालांकि मानते हैं कि ऐसा कहना अभी जल्दबाजी होगी।

रोका ने कहा, अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। हमे पहले अपने सभी मैच खत्म करने हैं। हां, जब हम प्लेऑफ में चले जाएंगे तो हम खिताब को लेकर चर्चा कर सकते हैं। अभी तो छह टीमें शीर्ष-4 में जगह बनाने के लिए संघर्षरत हैं। इस लिहाज से हमारा पहला लक्ष्य शीर्ष-4 में जाना हैं और अगर हमने कल के मैच से तीन अंक ले लिए तो हम इसके काफी करीब होंगे।

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खेल-कूद

IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति

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पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।

वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।

वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।

एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।

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