खेल-कूद
आईएसएल-4 : बढ़त के बाद दिल्ली ने गंवाया मैच
जमशेदपुर, 21 जनवरी (आईएएनएस)| पहल हाफ के शुरुआती 22 मिनटों में 2-0 की बढ़त के साथ मजबूत स्थिति में पहुंचने के बाद भी दिल्ली डायनामोज टीम हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन में रविवार को जमशेदपुर से एक गोल के अंतर से हार गई।
जमशेदपुर ने अपने घरे जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स स्टेडियम में खेले गए मैच में दिल्ली को बेहतरान वापसी करते हुए 3-2 से मात दी।
आसिम विस्वास के स्थान पर 67वें मिनट में मैदान पर आए त्रिंदादे गोंकाल्वेस ने 86वें मिनट में एक दनदनाता गोल दागकर जमशेदपुर को जीत दिलाई।
जमशेदपुर की टीम एक समय 0-2 से पीछे चल रही थी लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और 54वें मिनट में बराबरी की। ऐसा लग रहा था कि उसे दिल्ली के खिलाफ अंक बांटने पड़ेंगे लेकिन त्रिंदादे ने अंतिम पलों में एक बेहतरीन गोल करते हुए मेजबान टीम को तीन अंक दिला दिए। इस सीजन के साथ पदार्पण कर रही मेजबान टीम की दिल्ली पर यह लगातार दूसरी जीत है।
इन तीन अंकों की बदौलत मेजबान टीम 16 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। उसे दो स्थान का फायदा हुआ है जबकि दिल्ली की टीम पहले की तरह 10 टीमों की तालिका में अंतिम स्थान पर ही बने रहेगी।
दिल्ली ने मैच की शुरुआत से चढ़कर खेलने का फैसला किया और इसका फायदा उसे 20वें मिनट में मिला, जब कालू उचे ने नंदाकुमार सेकर की मदद से उसे 1-0 से आगे कर दिया। नंदा ने बाएं किनारे से एक बेहतरीन क्रास कालू को दिया, जिस पर गोल करते हुए कालू ने अपनी टीम को बढ़त दिला दी।
मेजबान टीम अभी सम्भल भी नहीं पाई थी कि कालू ने एक और गोल करते हुए स्कोर 2-0 कर दिया। यह पहले गोल का लगभग कार्बन कापी था। इस बार भी कालू को गोल करने में मदद करने वाले नंदा रहे और इस बार भी उन्होंने कालू को बाएं किनारे से एक बेहतरीन क्रास दिया, जिस पर हेडर के जरिए गोल करते हुए कालू ने अपनी टीम को अप्रत्याशित बढ़त दिला दी।
मेजबान टीम के लिए अब करो या मरो की स्थिति बन चुकी थी। उसे किसी भी हाल में डिलिवर करना था और मौके को समझते हुए मेजबान टीम ने 29वें मिनट में अपना गोल कर दिया। मेजबान टीम के लिए यह गोल टिरी नाम से मशहूर जोस अरोयो ने किया। टिरी ने यह गोल जेरी एम. का पास पर किया। जेरी ने एक बेहतरीन कार्नर लिया, जिस पर टिरी ने प्रीतम कोटाल को मात देते हुए गेंद को हेडर के जरिए गोलपोस्ट में डाल दिया।
इस गोल के साथ मैच रोमांचक हो गया। पहले हाफ की समाप्ति तक यही स्कोर रहा। दूसरे हाफ की शुरुआत मेजबान टीम के लिए धमाकेदार रही। 48वें मिनट में शौवीक चक्रवर्ती को पीला कार्ड दिखाया गया और इसके छह मिनट बाद 54वें मिनट में मेजबान टीम ने बराबरी का गोल कर दिया।
मेजबानों को 2-2 की बराबरी दिलाने वाला गोल युमनाम राजू ने किया। युमनाम ने जेरी द्वारा बाएं किनारे से लिए गए कार्नर के बेकार किए जाने के बाद अपने पास आई गेंद पर बॉक्स के बाहर से एक झन्नाटेदार शॉट से दिल्ली के गोलकीपर अर्नब दास शर्मा को चौंकाते हुए अपनी टीम को बराबरी पर ला दिया।
इसके बाद दोनों टीमों के बीच आगे निकलने की होड़ लगी रही लेकिन सफलता किसी को नहीं मिलती दिख रही थी। स्टीव कोपेल ने 67वें मिनट में विस्वास के स्थान पर त्रिंदादे को मैदान पर लाने का फैसला किया और उन्होंने अंतर पैदा करने वाला गोल किया। त्रिंदादे ने यह गोल वेलिंग्टन प्रीयोरी के सहयोग से किया। इस तरह मेजबान टीम ने पिछड़ने के बावजूद एक शानदार जीत के साथ खुद को अंक तालिका में मजबूत किया।
खेल-कूद
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति
पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।
वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।
वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।
एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।
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