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आईएसएस रवि की मौत की जांच सीबीआई करेगी

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बेंगलुरू| भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डी.के. रवि की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को राज्य विधानसभा में इसकी घोषणा की। रवि का शव 16 मार्च को उनके घर में फांसी के फंदे से लटकता पाया गया था। रवि की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग को पहले राज्य सरकार ने ठुकरा दिया था। 17 मार्च से ही विपक्षी पार्टियां और आईएएस अधिकारी के परिजन उनकी मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे। सिद्धारमैया ने विधानसभा में विधायकों से कहा कि वह रवि के परिजनों की भावनाओं को देखते हुए इस मामले को सीबीआई को सौंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि रवि की रहस्यमय मौत से उनके परिजन पूरी तरह टूट चुके हैं।

विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) द्वारा जारी हंगामे के बीच सिद्धारमैया ने कहा, “मैं रवि के माता-पिता (गौरम्मा और करियप्पा) की भावनाओं को समझता हूं, और जनता की भावनाओं का सम्मान करता हूं। जैसा कि उनकी मांग है, उनके बेटे की मौत के कारणों की जांच सीबीआई करेगी।” 36 वर्षीय रवि शहर के पॉश दक्षिणपूर्वी उपनगर में स्थित अपने अपार्टमेंट के कमरे में पंखे से लटके हुए मिले थे। सबसे पहले उन्हें उनकी पत्नी कुसुमा ने देखा था।

शहर के पुलिस आयुक्त एम.एन. रेड्डी ने कहा था कि घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों और प्रारंभिक जांच से प्रतीत होता है कि रवि ने आत्महत्या की है। राज्य सरकार ने 17 मार्च को मामले की सीआईडी (अपराध जांच विभाग) जांच के आदेश दिए थे। वर्ष 2009 बैच के अधिकारी रवि दिसंबर, 2014 से शहर में वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त थे। उन्हें कोलार जिले से उपायुक्त के पद से स्थानांतरित कर यहां भेजा गया था, जहां रेत व भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उनकी ईमानदार अधिकारी की छवि बन गई थी। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) 17 मार्च से ही इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर विधानमंडल में हंगामा कर रहे थे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित रही। इसे देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मामले की जांच सीबीआई से कराने का सुझाव दिया था, जिसके तीन दिन बाद यह फैसला किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसी मामले को रफा दफा करने अथवा किसी को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अपने बेटे की रहस्यमय तरीके के हुई मौत के मामले में रवि के माता-पिता द्वारा लगाए गए ‘गड़बड़ी’ के आरोपों की भी सीबीआई जांच करेगी। सिद्धारमैया ने कहा, “मौत के मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम इस पर भरोसा नहीं करते। विपक्ष को भी ऐसा नहीं करना चाहिए।” कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रविवार शाम रवि की मौत के संबंध में सीआईडी की अंतरिम रपट सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण मुख्यमंत्री सदन के पटल पर इसे नहीं रख पाए।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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