Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

आखिरकार ‘पद्मावती’ को हरी झंडी, भंसाली को बदलना पड़ेगा टाइटल

Published

on

Loading

मुंबई। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावती’ को ‘कुछ बदलावों के साथ’ यू/ए प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है और फिल्म-निर्माता से कहा है कि फिल्म का नाम बदलकर ‘पद्मावत’ कर दिया जाए। हालांकि, इस सुझाव पर मेवाड़ राजवंश और फिल्म जगत के कई सदस्यों ने कड़ा एतराज जताया है।

यह फैसला सीबीएफसी प्रमुख प्रसून जोशी की उपस्थिति में हुई जांच समिति की एक बैठक में गुरुवार को लिया गया था। विशेष समिति में उदयपुर से अरविंद सिंह, जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के.के. सिंह और डॉ. चन्द्रमणि सिंह शामिल थे।

सीबीएफसी के अनुसार, फिल्म को ‘फिल्मकार और समाज दोनों को ध्यान में रखते हुए संतुलित ²ष्टिकोण’ से देखा गया है। बोर्ड ने भारत में पर्दो पर दिखाए जाने के लिए प्रमाण-पत्र देने से पहले संशोधन करने और नाम बदलने के लिए कहा है। खबरों के मुताबिक 26 कट लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन सीबीएफसी ने इससे इंकार किया है।

सीबीएफसी ने कहा, “फिल्म के प्रति जटिलताओं और चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, एक विशेष समिति की आवश्यकता महसूस की गई, ताकि अंतिम निर्णय में परिप्रेक्ष्य जोडऩे के लिए आधिकारिक समिति को सौंपा जा सके।”

‘पद्मावती’ पहले एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवादों में उलझ जाने के कारण रिलीज टाल दी गई। राजपूत समुदाय के एक संगठन करणी सेना ने फिल्म पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध का आग्रह किया था, क्योंकि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ किया गया है। राजपूत संगठन के सदस्यों ने इस वर्ष की शुरुआत में भंसाली पर शारीरिक रूप से जयपुर में शूटिंग के दौरान हमला किया। उन्होंने मुंबई के बाहरी इलाके में भी फिल्म के सेट को जला दिया था।

विवाद ने उस वक्त हिंसक मोड़ ले लिया, जब भंसाली और दीपिका के खिलाफ धमकियां जारी की गईं। सीबीएफसी द्वारा आगे बढऩे के बावजूद, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने शनिवार को फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध की मांग की और कहा कि जो भी थिएटर फिल्म को दिखाएंगे, उनमें तोडफ़ोड़ किया जाएगा।

इससे पहले 30 नवंबर को भंसाली एक संसदीय समिति के समक्ष पेश हुए थे और उन्होंने कहा था, “फिल्म पर सभी विवाद अफवाहों पर आधारित हैं। मैंने गलत तथ्य नहीं दिए हैं। यह फिल्म मलिक मोहम्मद जायसी के काव्य पर आधारित है। उन्होंने 16 वीं शताब्दी के भारतीय सूफी कवि के महाकाव्य ‘पद्मावत’ का उल्लेख किया था।”

बोर्ड ने कहा कि एक बार आवश्यक संशोधन किए जाने और अंतिम सामग्री जमा करने के बाद प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।

सीबीएफसी के सुझावों की हालांकि मेवाड़ राजवंश ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रसून जोशी को एक पत्र में अपनी निराशा व्यक्त की है। मेवाड़ राजवंश के 76वें महाराणा और पूर्व लोकसभा सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे महाराजकुमार विश्वराज सिंह ने कहा है कि वह गुरुवार को समिति का हिस्सा होना चाहते थे, जो अंत में नहीं हो सका और यह निर्णय सेंसर बोर्ड द्वारा उनकी सहमति के बिना ही ले लिया गया।

मनोरंजन

असित मोदी के साथ झगड़े पर आया दिलीप जोशी का बयान, कही ये बात

Published

on

Loading

मुंबई। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में जेठालाल गड़ा का किरदार निभाने वाले दिलीप जोशी को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स छापी गईं, जिनमें दावा किया गया कि शो के सेट पर उनके और असित मोदी के बीच झगड़ा हुआ। फिलहाल अब दिलीप जोशी ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है और खुलासा करते हुए बताया है कि इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है। अपने 16 साल के जुड़ाव को लेकर भी दिलीप जोशी ने बात की और साफ कर दिया कि वो शो छोड़कर कहीं नहीं जा रहे और ऐसे में अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।

अफवाहों पर बोले दिलीप जोशी

दिलीप जोशी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं बस इन सभी अफवाहों के बारे में सब कुछ साफ करना चाहता हूं। मेरे और असित भाई के बारे में मीडिया में कुछ ऐसी कहानियां हैं जो पूरी तरह से झूठी हैं और ऐसी बातें सुनकर मुझे वाकई दुख होता है। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ एक ऐसा शो है जो मेरे और लाखों प्रशंसकों के लिए बहुत मायने रखता है और जब लोग बेबुनियाद अफवाहें फैलाते हैं तो इससे न केवल हमें बल्कि हमारे वफादार दर्शकों को भी दुख होता है। किसी ऐसी चीज के बारे में नकारात्मकता फैलते देखना निराशाजनक है जिसने इतने सालों तक इतने लोगों को इतनी खुशी दी है। हर बार जब ऐसी अफवाहें सामने आती हैं तो ऐसा लगता है कि हम लगातार यह समझा रहे हैं कि वे पूरी तरह से झूठ हैं। यह थका देने वाला और निराशाजनक है क्योंकि यह सिर्फ हमारे बारे में नहीं है – यह उन सभी प्रशंसकों के बारे में है जो शो को पसंद करते हैं और ऐसी बातें पढ़कर परेशान हो जाते हैं।’

Continue Reading

Trending