खेल-कूद
आखिरी मैच में इंग्लैंड से 5 रन से हारा भारत, 2-1 से जीती सीरीज
कोलकाता। भारत ईडन गार्डंस स्टेडियम में रविवार को खेले गए तीसरे एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड के हाथों बेहद रोमाचंक मुकाबले में पांच रन से हार गया। हालांकि तीन मैचों की श्रृंखला जरूर 2-1 से भारत के नाम रही।
इंग्लैंड से मिले &21 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट खोकर &16 रन बना सकी। बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अ‘छी नहीं रही। चोटिल शिखर धवन की जगह पारी की शुरुआत करने आए अजिंक्य रहाणे (1) दूसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गए।
डेविड विली की गेंद पर रहाणे क्लीन बोल्ड हुए। दूसरे सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (11) भी ’यादा देर नहीं टिक सके और &7 के स्कोर पर पवेलियन लौटे। उन्हें जैक बॉल ने विकेट के पीछे जोस बटलर के हाथों कैच कराया।
इसके बाद कप्तान विराट कोहली (55) ने युवराज सिंह (45) के साथ 65 रनों की साझेदारी कर टीम को स्थिरता प्रदान की। लेकिन दोनों बल्लेबाज रनों की गति तेज नहीं रख पाए। यह साझेदारी 4.75 के औसत से हुई।
भारतीय टीम अभी 100 के पार ही पहुंची थी कि कोहली ऊंची उठती गेंद पर बल्ला अड़ाने के चक्कर में विकेट की पीछे बटलर के हाथों लपक लिए गए। कोहली ने 6& गेंदों का सामना किया और आठ चौके लगाए।
युवराज सिंह का साथ देने उतरे महेंद्र सिंह धौनी (45) कुल स्कोर में &1 रन ही जोड़ पाए थे कि युवराज सैम बिलिंग्स के हाथों लपक लिए गए। उनका विकेट लियाम प्लंकेट ने लिया।
इसके बाद धौनी और केदार जाधव (90) ने रनों की गति तेज करनी शुरू ही की थी कि गेंद ने धौनी के बल्ले का बाहरी किनारा ले लिया। ऊंची उठती गेंद पर धौनी ने तेज शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन बटलर को कैच थमा बैठे।
भारतीय टीम 17& के कुल योग पर पांच अहम विकेट गंवा चुकी थी और हार की ओर बढ़ती नजर आने लगी थी। लेकिन यहां से जाधव और हार्दिक पांड्या (56) ने 7.51 के तेज औसत से 104 रन जोड़ते हुए फिर से भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में जीत की आस जगा दी।
पांड्या ने 4& गेंदों में चार चौके और दो छक्के जड़े। तेज शॉट खेलने के प्रयास में पांड्या गेंद की लाइन समझ नहीं पाए और बेन स्टोक्स की गेंद ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। रवींद्र जडेजा (10) का शॉट तो तेज लगाया था, लेकिन वह सीमारेखा पर खड़े बेयरस्टो को पार नहीं कर सके।
रविचंद्रन अश्विन (1) भी ऊंचा शॉट खेलने के प्रयास में स्टोक्स के हाथों कैच कर लिए गए। भारत को आखिरी के तीन ओवरों में 27 रनों की दरकार थी, लेकिन 48वें ओवर में भारतीय टीम सिर्फ चार रन जोड़ सकी।
अब सारी उम्मीदें जाधव पर टिकी हुई थीं। आखिरी ओवर में भारत को 16 रनों की दरकार थी और जाधव ने पहली गेंद पर छक्का और दूसरी गेंद पर चौका लगाकर लक्ष्य भारत की जद में ला दिया।
लेकिन अगली लगातार दो गेंदों पर रन बना पाने का दबाव उन पर नजर आने लगा। इस बीच उन्होंने बल्ला बदला और अगली गेंद पर तेज शॉट भी लगाया, लेकिन गेंद सीमारेखा को पार नहीं कर सकी और बिलिंग्स ने कैच थामने में कोई गलती नहीं।
जाधव ने 74 गेंदों की तेज तर्रार पारी में 12 चौके और एक छक्का लगाया। अब भारत को आखिरी गेंद पर छह रन चाहिए थे और सामने थे भुवनेश्वर कुमार। भुवनेश्वर हालांकि गेंद को छू भी नहीं सके और इंग्लैंड ने मैच पांच रन से अपने नाम कर लिया।
इंग्लैंड के लिए स्टोक्स ने तीन और जैक बॉल तथा क्रिस वोक्स ने दो-दो विकेट लिए। विली और प्लंकेट को एक-एक विकेट मिला। इससे पहले, इंग्लैंड ने जेसन रॉय (65), बेयरस्टो (56), कप्तान इयान मोर्ग (4&) और स्टोक्स (नाबाद 57) के संयुक्त प्रयास से आठ विकेट पर &20 रनों का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया था।
खेल-कूद
विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।
दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।
विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।
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