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आखिर कौन जीतेगा बिहार का फाइनल?

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बिहार विधानसभा चुनावों के पूर्व हुए स्‍थानीय प्राधिकार क्षेत्र के विधान परिषद चुनावों में भाजपा गठबंधन को भारी सफलता हाथ लगी है। 24 सीटों में से 14 पर भाजपा और उसके सहयागियों का कब्‍जा हो गया है। नीतीश के महागठबंधन को करारा झटका लगा है उन्‍हे नौ सीटों से संतोष करना पड़ा है। पिछली बार 24 में 15 सीटें नीतीश की जेडीयू के पास थी। जबकि लालू के पास 3 सीटें थी। एक सीट निर्दलीय को मिली थी जो कि जेडीयू के समर्थक थे। बाकी पांच सीटें ही बीजेपी के पास थी।

बिहार की सत्‍ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले इन चुनावों में भाजपा की बड़ी सफलता निश्चित रूप से उनके कार्यकर्ताओं के हौसले को बुलंद कर देगी। आगामी विस चुनावों में भगवा खेमा और उत्‍साह के साथ मैदान में उतरेगा। अब बाजी किसके हाथ लगेगी यह तो भविष्‍य के गर्त में है लेकिन इससे पूर्व इस चुनाव की महत्‍ता को समझना जरूरी है।

इस चुनाव में मुखिया, वार्ड मेंबर, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसद वोटर होते हैं। जिनकी कुल संख्या करीब एक लाख 40 हजार हैं। यानी इस चुनाव में वोटर वो लोग होते हैं जिनका अपने-अपने इलाकों में बड़ा प्रभाव होता है। इस चुनाव के वोटर आम चुनाव के वोटरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इस लिहाज से इस नतीजे को अहम माना जा रहा है।

इस चुनाव को लालू और नीतिश के महागठबंधन पर जनता की मुहर के रूप में भी देखा जा रहा था इस लिहाज से यह कहा जा सकता है कि जनता ने महागठबंधन पर मुहर नहीं लगाई हालांकि उक्‍त नतीजों से विधानसभा चुनावों के नतीजों का आकलन करना जल्‍दबाजी होगी। लेकिन इतना तो तय है कि लालू-नीतीश खेमे में इन नतीजों से उन लोगों के विरोध को बल मिलेगा जो इस महागठबंधन के घोर विरोधी थे।

भाजपा और उनके सहयोगी दलों को इन नतीजों से बहुत ज्‍यादा खुशफहमी नहीं पालनी चाहिए। बिहार की सत्‍ता हासिल करने के लिए उन्‍हें कड़ी मेहनत करने की आवश्‍यकता है। साथ ही गुटबाजी को भी समाप्‍त नहीं तो कम अवश्‍य किया जाना चाहिए। यदि जनता ने उन्‍हें जिम्‍मेदारी सौंपी है तो उसे उठाने के लिए एकजुट होना पड़ेगा। केंद्र में एक मजबूत सरकार होने का लाभ बिहार में भाजपा को मिलेगा लेकिन जनता से किए गए वादों पर खरा उतरना भी एक चुनौती होगी क्‍योंकि बिहार गंभीर चुनौतियों वाला प्रदेश है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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