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प्रादेशिक

आगरा : बेघरों को ठंड से बचाने आगे आए एनजीओ

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आगरा| सर्दी का मौसम शुरू होते ही ताज नगरी आगरा में हर दिन तापमान गिरता जा रहा है। आगरा सुबह और रात को कोहरे के घने साए में लिपटता जा रहा है। ऐसी कड़ाके की ठंड में स्वयंसेवक समूह बेघरों के लिए आश्रयों की व्यवस्था कर रहे हैं। आधिकारिक एजेंसियां आमतौर पर बेघरों को आश्रय उपलब्ध कराने में अपने पैर पीछे खींचती हैं। इस स्थिति में कुछ स्वयं सेवक समूहों को ये सर्द रातें गुजारने में बेघरों की मदद के लिए रैन बसेरे बनाकर समाजसेवा का मौका मिलता है।

पिछले कई सालों से सर्दियों में बेघरों के लिए रैन बसेरे बनाते आ रहे एक एनजीओ ने इस मौसम में अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं।

श्रीनाथजी नि:शुल्क जल सेवा के तहत रैन बसेरा चलाने वाले बांके लाल माहेश्वरी ने बताया, “पिछली कुछ रातों से कुछ हताश और ठंड से कांपते लोगों को अलाव के पास बैठकर ठंड दूर कर रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि जल्द ही मथुरा बस अड्डे के पास भी एक रैन बसेरा खोला जाएगा।

श्रीनाथजी निशुल्क जल सेवा जैसे स्वयंसेवी समूहों द्वारा स्थापति रैन बसेरों में बिस्तरों और साफ रजाइयों के अतिरिक्त अलाव तथा गुड़-चने की व्यवस्था भी है।

आगरा में तीन दशकों से रैन बसेरा और प्याऊ लगाने वाले श्रीनाथजी नेटवर्क के संचालक माहेश्वरी ने बताया, “पहले हम जरूरतमंदों को कंबल बांटते थे, लेकिन हमने देखा कि वे कंबल बेच देते हैं।”

हम एक दर्जन से ज्यादा रैन बसेरे खोलते थे, लेकिन अब कड़ी सर्दियों के दौरान नगर निकाय भी आश्रयों की व्यवस्था करता है, इसलिए हम पांच या छह रैन बसेरे ही बनाते हैं।

माहेश्वरी ने बताया, “रैन बसेरों में लोगों को लगभग 70 दिनों के लिए मुफ्त बिस्तर, साफ चादरें और रजाइयां मिलती हैं।”

उन्होंने बताया, “हर रैन बसेरे में कम से कम 50 लोग रुक सकते हैं। मानसिक अस्पताल और एस.एन. मेडिकल कॉलेज के पास वाले रैन बसेरों में 100 लोग ठहर सकते हैं।”

अधिकतर रैन बसेरे साधारण और शामियाने वाले हैं।

उन्होंने बताया कि श्रीनाथ जी नेटवर्क में दान छोटे दानदाताओं से आता है। उन्होंने बताया, “हमारा पंजीकृत संकाय नहीं है। हमारा कोई संविधान, कोई औपचारिक ढांचा नहीं है। हम सर्दियों में रैन बसेरे और गर्मियों में प्याऊ लगाते हैं।”

उन्होंने आगे बताया कि अलाव जलाने के लिए जरूरी उपले और लकड़ियां महंगी हो रही हैं। लेकिन हमारा प्रयास रहता है कि कम से कम 26 जनवरी तक प्रतिदिन अलाव जले।

कुछ आलोचकों का कहना है कि इन रैन बसेरों में नशेड़ी, शराबी यहां तक कि छोटे अपराधी भी शरण लेते हैं।

इस पर माहेश्वरी कहते हैं, “हम लोगों को परखते नहीं। हमारा लक्ष्य निष्पक्ष तौर पर हर किसी को आश्रय देना है। अपराधियों को पकड़ना पुलिस का काम है।”

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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