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आजमगढ़ की हवा दिल्ली से 6 गुना अधिक प्रदूषित

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Pollutionआजमगढ़ (उप्र)। पर्यावरण को लेकर सरकारकी तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। कहीं से भी प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा। दिनों दिन बढ़ता प्रदूषण लोगों के जीवन के लिए खतरे की घंटी की ओर इशारा कर रहा है। लेकिन सरकार प्रदूषण रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रही है।

जो उपाय किए भी गए हैं, वे या तो कागजों तक सीमीत रह गए हैं या फिर दिखावा बनकर रह गए हैं। यूपी में यह स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। लेकिन इसे रोकने के लिए सरकार कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है।

हालांकि, मुख्यमंत्री अखिलेश यादन ने ‘क्लीन यूपी ग्रीन यूपी’ योजना के तहत कारगर अभियान चलाया था, जिसमें सफलता भी मिली। लेकिन समय बीतते ही अब इस अभियान को आगे गति देने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं, इसका कुछ भी पता नहीं है।

सरकार पर्यावरण को लेकर क्या प्रयास कर रही है, इसकी पोल हाल ही में उप्र के आजमगढ़ जिले में हुए एक सर्वे की रिपोर्ट में खुल गई है। यहां 100 प्रतिशत यूपी अभियान की ओर से पर्यावरण पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया।

पर्यावरण प्रदूषण को लेकर खुलासा करते हुए अभियान के राजदेव चतुर्वेदी व एकता शेखर ने हवा में रोजाना घुलने वाले जहर पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि जिले के चार अलग-अलग जगहों पर 28 और 29 दिसंबर 2016 को हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों पीएम10 और पीएम2.5 को मापा गया।

जनपद के जीयनपुर क्षेत्र में शाम के समय जो आंकड़े लिए गए, वे चौंकाने वाले रहे। यहां पीएम 10 कण अधिकतम 764 और न्यूनतम 586 रहा, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में 7 गुना ज्यादा प्रदूषित है। वहीं, पीएम 2.5 की मात्रा अधिकतम 858 और न्यूनतम 770 रही जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 14 गुना ज्यादा जहरीली है।

कचहरी क्षेत्र में पीएम10 की मात्रा अधिकतम 621 और न्यूनतम 423 पाई गई, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानकों की तुलना में 6 गुना अधिक प्रदूषित है। जबकि, पीएम 2.5 की मात्रा अधिकतम 545 और न्यूनतम 423 पाई गई, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 10 गुना अधिक प्रदूषित है।

इसी प्रकार, एकता शेखर ने लालगंज और मुबारकपुर की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि इन जगहों पर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार क्रमश: पीएम 10, 6 गुना और पीएम 2.5, 12 गुना ज्यादा पाया गया।

पीएम10 और पीएम2.5 के बारे में चतुर्वेदी ने बताया कि ये कण सीधे मानव स्वास्थ्य के नुकसान से जुड़े हैं। पीएम10 कण धूल कणों से निर्मित होता है, जबकि पीएम2.5 कण का निर्माण कोयला, डीजल, पेट्रोल और कूड़ा जलने से होता है। इसमें कई प्रकार के गैसों और सीसा, पारा, कैडमियम भारी तत्वों की मौजूदगी रहती है। इसलिए डाक्टरों और वैज्ञानिकों ने इसे हार्ट अटैक, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बताया है। वातावरण में मौजूद इन कणों के कारण ही श्वास रोगी और अस्थमा के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

अभियान के स्थानीय सहयोगी तारीक शफीक ने बताया कि आज दुनियाभर में 65 लाख मौतें केवल वायु प्रदूषण जनित बीमारियों के कारण हो रही हैं, जिसमें 6.5 लाख मौतों की संख्या केवल भारत में ही है। इसके अलावा, भारत में वायु प्रदूषण हार्ट अटैक का तीसरा सबसे बड़ा कारण बन चुका है।

भारत में होने वाली प्रत्येक 5वीं मौत वायु प्रदूषण के कारण हो रही है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, उप्र में प्रति घंटे चार नवजात बच्चों की मौत वायु प्रदूषण के कारण होती है।

उन्होंने कहा कि यह अभियान उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत, राजनीतिक दलों में पर्यावरण के प्रति जवाबदेही और जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए यह अभियान प्रयासरत है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 की ²ष्टि से यह अभियान प्रयास कर रहा है कि राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में पर्यावरण के सवाल प्रमुखता से शामिल किए जाएं।

पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए आवश्यक व कारगर कदम उठाने होंगे। यदि इस मुद्दे को सरकार गंभीरता से नहीं लेती है तो यह आने वाले समय में लोगों के लिए और भी अधिक घातक व जानलेवा साबित हो सकता है।

जरूरी है कि सरकार समय रहते चेत जाए और लगातार बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस रणनीति तैयार करे। जो भी नियम कानून पर्यावरण के प्रति बनाए गए हैं या बनाए जाएं, उसका सही तरीके से क्रियान्वयन हो, ताकि देश का भविष्य सुरक्षित रहे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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