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आजम ने इंडियन आर्मी पर दिया घटिया बयान, बवाल कटा तो खुद को बताया आइटम गर्ल

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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने बेहद विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने भारतीय सुरक्षाबलों पर रेप के आरोप लगाए हैं। हालांकि बयान पर बवंडर मचने पर आजम ने अपने बचाव में कहा कि मैंने सेना पर रेप का आरोप नहीं लगाया। मेरे बयान को गलत तरीके से लिया गया है। मैंने अखबार में छपी खबरों के आधार पर अपनी बात रखी।

दरअसल बुधवार को आजम खान का एक वीडियो सामने आया। इसमें वह यह कहते नजर आ रहे हैं, ‘दहशतगर्द फौज के प्राइवेट पार्ट्स काटकर साथ ले गए। उन्हें हाथ से शिकायत नहीं थी। सिर से नहीं थी। पैर से नहीं थी। जिस्म के जिस हिस्से से उन्हें शिकायत थी, वे उसे काटकर ले गए। इतना बड़ा संदेश है, जिसपर पूरे हिंदुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम दुनिया को क्या मुंह दिखाएंगे?’

बता दें कि आजम खान का बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमलों में भी शहीद सुरक्षाकर्मियों के प्राइवेट पार्ट्स काटने की खबरें सामने आई थीं। इस भीषण हमले में 25 जवान शहीद हो गए थे। बाद में जब इनके शव लेने के लिए रेस्क्यू पार्टी मौके पर पहुंची तो पता चला कि कई जवानों के प्राइवेट पार्ट्स काट लिए गए थे। आजम शायद इसी घटना का जिक्र कर रहे थे।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ऐसा बयान देने वाले राजनेताओं का बहिष्कार करने की बात कही है, जबकि पार्टी के ही एक अन्य प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि आजम अलगावादियों और आतंकवादियों के लिए बोल रहे हैं। नरसिम्हा के मुताबिक, समाजवादी पार्टी खुद अपने नेताओं को इस तरह के बयान देने के लिए उकसा रही है।

बाद में बयान पर सफाई देते हुए आजम खान ने कहा कि देश का दलित-मुसलमान परेशान है। मैं फासीवादी ताकतों का आइटम गर्ल बन गया हूं। बीजेपी के लिए मैं नफरत का एजेंडा हूं। मेरे खिलाफ नफरत फैलाकर बीजेपी को वोट मिलते हैं।

पार्टी ने झाड़ा पल्ला
समाजवादी पार्टी के दीपक मिश्रा ने आजम के बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि ऐसे नाजुक मौके पर यह बयान सही नहीं है, इसलिए वह इस बयान की निंदा करते हैं।

ऐसा पहली बार नहीं है, जब आजम खान ने विवादास्पद बयान दिया है। उनके बयान पर बड़े विवाद हो चुके हैं। हालिया मामला बुलंदशहर गैंगरेप पर की गई उनकी एक टिप्पणी है। उन्होंने घटना पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया था।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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