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बिजनेस

आधार बगैर 31 मार्च के बाद बचत खाता संचालन में होगी असुविधा

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लखनऊ। जिन बचत खातों में आधार कार्ड संख्या एवं मोबाइल नंबर दर्ज नहीं हैं, उन खाताधारकों को 31 मार्च के बाद खाता संचालित करने में असुविधा हो सकती है।

अग्रणी जिला प्रबंधक ए.के. शर्मा ने बताया कि भारत सरकार वित्तीय सेवाएं विभाग (डीएफएस) के निदेर्शानुसार समस्त बैंक खाताधारकों को सूचित किया है कि 31 मार्च तक अपने बचत खातों में आधार कार्ड संख्या एवं मोबाइल नंबर अवश्य दर्ज करा लें।

यदि 31 मार्च, 2017 तक आप अपने बचत खाते में आधार कार्ड संख्या एवं मोबाइल नंबर दर्ज नहीं कराते हैं तो आपको खाता संचालित करने में असुविधा हो सकती है। यह आपके खातों की सुरक्षा के हित में है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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