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आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से योगेंद्र, प्रशांत बाहर

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नई दिल्ली)| आम आदमी पार्टी (आप) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को होने वाली है, जिसमें पार्टी के नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के बारे में फैसला किया जाएगा। भूषण और यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पार्टी के अंदर लोकतंत्र का दमन करने का आरोप लगाया है।

यादव ने शनिवार को बैठक से पहले संवाददाताओं को बताया कि आज का दिन महत्वपूर्ण है और जिस सामाजिक आंदोलन से आप का गठन हुआ था, उसकी भी दिशा निर्धारित होगी।

उन्होंने कहा, “आज उस असाधारण आंदोलन की दिशा निर्धारित होगी, जिसका पूरा देश साक्षी रहा है। पार्टी की विचारधारा ‘आप’ नाम के संगठन से कहीं ज्यादा बड़ी और पवित्र है।”

उन्होंने कहा कि उन्हें हजारों कार्यकर्ताओं ने संदेश व सलाह भेजे हैं और उन्हें यकीन है कि उनकी सलाह व शुभकामनाएं व्यर्थ नहीं जाएंगी।

यादव और भूषण ने केजरीवाल पर निरंकुश होने और चापलूसों से घिरे होने और पार्टी की विचारधारा से भटकने का आरोप लगाया है।

इधर, पार्टी ने दोनों नेताओं पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को हराने के लिए षड्यंत्र करने का आरोप लगाया है।

भूषण और यादव ने पूर्व में कहा था कि यदि केजरीवाल पार्टी में पारदर्शिता लाने और राज्य इकाइयों को स्वायत्ता देने सहित उनकी पांच प्रमुख मांगें मान लेते हैं तो वे सभी प्रमुख पदों से इस्तीफा दे देंगे।

आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया। पार्टी ने योगेंद्र के समर्थकों आनंद कुमार और अजीत झा को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है।

इधर, योगेंद्र और प्रशांत ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी पर अवैध वोटिंग कराने का आरोप लगाया।

योगेंद्र ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “बैठक में लोकपाल को नहीं आने दिया गया। गोपाल राय आनन-फानन में प्रस्ताव ले आए। हमने कहा कि इस पर चर्चा होनी चाहिए तो गोपाल राय ने कान बंद कर लिए और कहा कि लिखकर दीजिये। अभी हम कुछ करते कि मनीष सिसोदिया ने उस पर वोटिंग की शुरुआत करा दी और प्रस्ताव पारित करा लिया गया।”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकतंत्र की हत्या की गई। इसकी पटकथा पहले ही लिख ली गई थी। केजरीवाल के समर्थक हिंसा पर उतारू हो गए थे।”

वहीं, प्रशांत ने बैठक के दौरान गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुंडागर्दी हो रही थी। लोगों को पीटा जा रहा था। हमने लोकपाल की मांग की और उसे न आने देना दिखाता है कि अवैध वोटिंग कराई गई है।”

प्रशांत ने कहा, “सबकुछ पूर्व नियोजित तरीके से हुआ। ऐसा लग रहा था कि सारी पटकथा पहले से तैयार कर ली गई थी।”

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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