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हेल्थ

आप सोने जा रहे हैं, तो घेर सकती है आपको यह बीमारी

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बीमारी, ग्लासगो यूनीवर्सिटी, सेहत, मोटापे

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नई दिल्ली | अगर आपको नींद समय सीमा के हिसाब से ज्यादा आती है तो सावधान हो जाइए। आप इस बीमारी के घेरे  में हैं। इससे आपके सेहत पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है। यदि आप अधिक सोते हैं तो इससे आपको मोटे होने का खतरा कहीं ज्यादा हो सकता है। ऐसा शोध में आया है। यही नहीं मध्य प्रदेश की रहने वाली रिया का भी कहना है कि वह रात में सोती ही थी पर दिन में भी कई घंटो तक सोना उन्हें भारी पड़ गया।

बीमारी, ग्लासगो यूनीवर्सिटी, सेहत, मोटापे

वह बोलती हैं कि पहले उनकी बॉडी काफी स्लिम थी लेकिन ज्यादा सोने से उन्हें मोटापे ने घेर लिया है। अब वह भी इसे कम करने के तरीके इजात कर रही हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे लोग जिनके परिवार में पहले ही मोटापे का इतिहास रहा हो, वे अपने सोने के ख़राब तौर तरीकों से वज़न बढ़ने के आफ़त को दावत देते हैं।

ऐसे लोगों का खान-पान, सेहत या फिर उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, यह असर होता है।

ग्लासगो यूनीवर्सिटी के अध्ययन में ये भी पाया गया है कि जो लोग मोटापे को लेकर आनुवांशिक रूप से ख़तरे की ज़द में नहीं होते उनके लिए सोने के समय और शरीर के वज़न में कोई संबंध नहीं होता।

शोधकर्ताओं ने सात घंटे से कम और नौ घंटे से ज्यादा सोने से होने वाले असर का अध्ययन किया।

उन्होंने पाया कि सामान्य नींद लेने वालों की तुलना में अधिक देर तक सोने वालों में चार किग्रा. और कम नींद लेने वालों में दो किग्रा. तक वज़न बढ़ सकता है। ये असर आनुवांशिक रूप से मोटापे का अधिक ख़तरा रखने वालों में देखा गया है। ये नतीजे यूके बायोबैंक में भाग लेनेवाले 1,20,000 लोगों के इकट्ठा किए गए आंकड़ों से निकाले गए हैं।

इंस्टीट्यूट ऑफ़ कार्डियोवैस्कुलर एंड मेडिकल साइंसेज़ से जुड़े डॉक्टर जैसन गिल का कहना है कि आंकड़े बताते हैं कि आनुवांशिक रूप से मोटापे के ख़तरे से जूझ रहे लोग अगर बहुत कम सोते हैं या फिर ज़्यादा नींद लेते हैं तो उनके शरीर के वज़न पर इसका काफ़ी हद तक प्रतिकूल असर पड़ता है. ये तब भी होता है जब वे दिन में या काम के दौरान ऊंघते हों।इस अध्ययन को अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित किया गया है।

 

 

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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