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बिजनेस

आयकर विभाग ने बाकाएदारों की सूची जारी की, कुछ का अता-पता नहीं

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नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)| आयकर विभाग ने गुरुवार को देशभर में 24 कर बकाएदार लोगों व कंपनियों की सूची जारी की जिनका या तो कोई अता-पता नहीं है या बकाये का भुगतान करने के लिए उनके पास पर्याप्त परिसंपत्ति नहीं है।

प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक अखबारों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन में बकाएदारों के नाम प्रकाशित किए गए हैं और विभाग ने उनको शीघ्र अपने बकाए कर का भुगतान करने को कहा है।

सूची में जिन बकाएदार कंपनियों के नाम प्रकाशित किए गए हैं उनमें खाद्य प्रसंस्करण, बुलियन ट्रेडिंग, सॉफ्टवेयर, रियल स्टेट, शराब और धातुओं के पिंड बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं।

अहमदाबाद, गुवाहाटी, विजयवाड़ा, नासिक, सूरत, दिल्ली, वड़ोदरा, कोलकाता व अन्य शहरों की 24 कंपनियों पर कुल 490 करोड़ रुपये बकाया है।

दिल्ली की स्टॉक गुरु, इंडिया और उसके साझेदार लोकेश्वर देव पर सबसे ज्यादा 86.27 करोड़ रुपये का कर बकाया है। नोटिस के मुताबिक, इस कर को चुकाने की जिम्मेदारी जिन पर है, उनका कोई अतापता नहीं है और न ही इतनी संपत्ति है कि उससे कर वसूला जा सके।

सूची के अनुसार, कोलकाता के अर्जुन सोनकर पर 51.37 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर बकाया है और उनका भी कोई पता नहीं है।

कोलकाता के ही किशन शर्मा पर 47.52 करोड़ रुपये का कर बकाया है।

सूची में शामिल कुछ लोगों ने कर निर्धारण वर्ष 1989-90 से कर नहीं चुकाया है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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