Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

साइंस

आया प्रकाश बिखेरने वाली ‘स्मार्ट खिड़की’ का जमाना

Published

on

Loading

सिंगापुर| नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खिड़की (स्मार्ट विंडो) का विकास किया है, जो बिना किसी बाह्य ऊर्जा स्रोत के प्रकाश बिखेरेगी। यही नहीं, यह दोबारा चार्ज होने वाली बैटरी का भी काम करेगी। इस अनोखी खिड़की के लिए बिजली की कोई जरूरत नहीं है और यह दोबारा चार्ज होने वाली बैटरी का भी काम बखूबी निभाएगी।

खिड़की में संचित ऊर्जा का इस्तेमाल दूसरे कार्यो के लिए किया जा सकता है। इससे एलईडी बल्ब जलाए जा सकते हैं।

वर्तमान में बाजार में जो भी विंडोज सोल्यूशंस मौजूद हैं, वे या तो पहले से ही रंगीन हैं और रात में चमक नहीं बिखेर सकते या फिर वे किसी बाह्य ऊर्जा स्रोत के माध्यम से प्रकाशमय हो सकते हैं।

लेकिन इन सबसे अलग ‘स्मार्ट विंडो’ दिन के समय बाहर से आ रहे प्रकाश को आधा कम करके नीले रंग का प्रकाश बिखेर सकता है। खुद में संचित प्रकाश को वह रात में बिखेरने में भी सक्षम है।

मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर शियाओवे ने कहा, “हमारी स्मार्ट इलेक्ट्रोक्रॉमिक खिड़की दोहरे उपयोग वाली है और यह एक पारदर्शक बैटरी भी है। जब इसके इलेक्ट्रोड में ऑक्सीजन भर जाती है, तो यह आवेशित होकर नीले रंग का प्रकाश बिखेरती है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह सांस लेती है।”

इस तरह की अभिनव प्रौद्योगिकी किसी इमारत में दिन में आने वाले प्रकाश को समायोजित कर सकती है और इसके माध्यम से कूलिंग तथा लाइटिंग के खर्च में बचत की जा सकती है।

सन ने कहा, “घर के मालिक और यहां तक कि आम परिवार भी दीर्घावधि तक ऊर्जा की बचत कर सकते हैं। पर्यावरण के अनुकूल इमारत का निर्माण करने के इच्छुक बिल्डरों के लिए हमारी प्रौद्योगिकी बेहद कारगर होगी।”

यह अध्ययन पत्रिका ‘नेचर कम्युनिकेशन’ में प्रकाशित हुआ है।

Continue Reading

साइंस

फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

Published

on

By

Loading

नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Continue Reading

Trending