प्रादेशिक
आरटीआई दायर होने पर स्कूल ने छात्र को किया निष्कासित
इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ने वाले चौथी कक्षा के एक छात्र को स्कूल प्रबंधन ने महज इसलिए निष्कासित कर दिया गया कि उसकी दादी ने सूचनाधिकार (आरटीआई) के तहत अपने पोते की फीस से जुड़ी जानकारी मांगी। शिकायत मिलने पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
यह मामला इटावा के बसरेहर थानाक्षेत्र के सरस्वती विद्या मंदिर (इंटर कालेज) का है। छात्र अमोघ पाठक की दादी ने आरटीआई दायर कर फीस संबंधी जानकारी मांगी थी। आरोप है कि इसी से नाराज होकर स्कूल प्रबंधन ने चौथी क्लास में पढ़ने वाले बच्चे को निकाल दिया। बच्चे को बीच सत्र में स्कूल से निकाले जाने से अभिभावक परेशान हैं। इधर, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे के ‘पिता का चरित्र’ ठीक नहीं है। इसलिए बच्चे को यहां पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
बच्चे की दादी ने बताया, “स्कूल प्रबंधन ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोर्ड की मान्यता हासिल की थी और बच्चों की फीस से जमा रकम का इस्तेमाल भी दूसरे कामों में किया जाता था। जिस दिन से मैंने आरटीआई से जानकारी मांगी, उस दिन से मेरे पोते को टारगेट किया जाने लगा और प्रबंधन ने उसे निकाल दिया।” कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रभु दयाल ने सफाई दी, “आरोप बेबुनियाद है। बच्चे के पिता हमारे यहां नौकरी करते थे। कई बार उनके चरित्र को लेकर सवाल उठे थे। इसलिए प्रबंधन ने उन्हें निकाल दिया। इस बारे में सूचना मांगी गई थी, जो स्कूल प्रबंधन ने जिला विद्यालय निरीक्षक के जरिए दे दिया है। इसके बाद भी बच्चे की दादी आए दिन इधर-उधर की जानकारियां मांग रही थीं। स्कूल का अनुशासन खराब न हो, इसलिए बच्चे का नाम काट दिया गया।”
इटावा के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवेंद्र प्रकाश का कहना है, “मुझे इस बारे में जानकारी मिली है। स्कूल मैनेजमेंट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही दो अधिकारियों की जांच समिति गठित कर मामले की जांच की जा रही है। आरटीआई के तहत जानकारी लेना सबका अधिकार है।”
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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