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बिजनेस

आरबीआई की ब्याज दरों में बदलाव के आसार नहीं

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मुंबई, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बुधवार को होने वाली मौद्रिक नीतिगत समीक्षा बैठक में मुख्य ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने की संभावना है।

आरबीआई अगस्त महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर में वृद्धि की वजह से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं कर सकती।

आरबीआई ने पिछली द्वैमासिक समीक्षा बैठक में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी।

सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी रिपोर्ट ‘आरबीआई कॉट इन ए ब्लाइंड : एक्सपेक्ट स्टेटस क्वो ऑन अक्टूबर 4’ में कहा है कि आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती पर मुश्किल फैसला लेना पड़ सकता है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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