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आरबीआई गवर्नर के लिए पीएम की पहली पसंद थे उर्जित पटेल

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आरबीआई गवर्नर, पीएम की पहली पसंद उर्जित पटेल, उर्जित पटेल का लो-प्रोफाइल व्युक्तित्वत, वित्तल मंत्री अरुण जेटली

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आरबीआई गवर्नर, पीएम की पहली पसंद उर्जित पटेल, उर्जित पटेल का लो-प्रोफाइल व्युक्तित्वत, वित्तल मंत्री अरुण जेटली

urjit patel rbi

पीएम नरेंद्र मोदी को भाया उर्जित पटेल का ‘लो प्रोफाइल रहना

नई दिल्ली। आरबीआई के होने वाले गर्वनर उर्जित पटेल का लो-प्रोफाइल व्‍यक्तित्‍व पीएम नरेंद्र मोदी को भा गया और उन्‍हें अगला आरबीआई गवर्नर बनाने का फैसला पीएम ने कर लिया। पिछले सप्ताह पीएम और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की मीटिंग के दौरान पटेल के अलावा तीन और नाम पेश किए गए थे।

आरबीआई में टॉप पोस्ट के लिए तीन अन्य दावेदारों में मौजूदा मुख्‍य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन, पूर्व मुख्‍य आर्थिक सलाहकार और वर्ल्ड बैंक के मौजूदा चीफ इकॉनमिस्ट कौशिक बसु और आरबीआई के पूर्व डेप्युटी गवर्नर एवं आईएमएफ में भारत के वर्तमान प्रतिनिधि सुबीर गोकर्ण शामिल थे। वैसे यह बात भी सामने आई है कि रघुराम राजन ने भले ही दूसरा कार्यकाल न लेने का ऐलान पहले कर दिया था, उनको सेकंड टर्म नहीं मिलने वाला था।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पसंद का मामला सिमट कर पटेल और सुब्रमण्यन के बीच आ गया था, लेकिन अंत में बाजी पटेल के हाथ लगी क्योंकि वह शुरू से पीएम की पहली पसंद थे। इस घोषणा की टाइमिंग के बारे में अधिकारियों ने बताया कि सरकार मौजूदा और नए गवर्नर के जाने-आने के बीच समय कम रखना चाहती थी। राजन का टर्म 3 सितंबर को पूरा होगा। पटेल के नाम का ऐलान 20 अगस्त को किया गया।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पुराने गवर्नर के जाने और नए गवर्नर के आने के बीच का ओवरलैप पीरियड 15 दिनों से ज्यादा नहीं होना चाहिए जिससे केंद्रीय बैंक के कामकाज में असर न पड़े।’ अधिकारियों ने बताया कि पीएम और जेटली की बैठक में सुब्रमण्यन पर गंभीरता से विचार किया गया था। उन्होंने बताया कि यह माना गया कि सुब्रमण्यन ‘सिस्टम में काफी नए हैं। यह सोचा गया कि सीईए सार्वजनिक पदों पर कुछ और समय बिता लें तो आरबीआई चीफ के पद पर लाने लायक होंगे।’ गौरतलब है कि सुब्रमण्यन अक्टूबर 2014 में सीईए के रूप में काम करने के लिए भारत आए थे।

पब्लिक पॉलिसी के बारे में उर्जित के पास लंबा अनुभव

एक अधिकारी ने बताया कि उर्जित पटेल अपनी अकैडमिक क्वॉलिफिकेशंस और आईएमएफ और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप जैसी जगहों पर काम करने के कारण ही पीएम की पसंद में शामिल नहीं थे, बल्कि पीएम ने उर्जित को इसलिए भी पसंद किया कि वह ‘लो प्रोफाइल रहते हैं और पब्लिक पॉलिसी के बारे में उनके पास लंबा अनुभव है।’

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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