Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

आरबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक पर 59 करोड़ का जुर्माना लगाया

Published

on

Loading

मुंबई, 29 मार्च (आईएएनएस)| हेल्ड टू मैच्योरिटी (एचटीएम) पोर्टफोलियो से प्रतिभूति से प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित दिशानिर्देश का पालन नहीं करने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक पर 58.9 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

एचटीएम प्रतिभूति ट्रेडिंग के लिए नहीं होती है।

बयान में कहा गया, यह जुर्माना बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 46(4)(आई) के खंड 47ए (1) के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफलता को ध्यान में रखते हुए लगाया है।

आरबीआई बैंकों को एचटीएम से सिक्योरिटीज को बेचने की स्वतंत्रता कुछ शर्तों और डिस्क्लोजर नियमों के तहत देता है।

Continue Reading

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending