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आर्थिक सर्वेक्षण : फसल, वाहन व स्वास्थ्य बीमा में हुआ इजाफा

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नई दिल्ली, 29 जनवरी (आईएएनएस)| फसल, वाहन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में इजाफा होने से गैर-जीवन बीमा क्षेत्र का विकास हुआ है।

वित्तमंत्री अरुण जेटली की ओर संसद में सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के मुताबिक, वर्ष 2016-17 में गैर-बीमा क्षेत्र में 33 फीसदी की वृद्धि हुई। सर्वेक्षण के मुताबिक, 2016-17 के दौरान भारत में गैर-जीवन बीमाकर्ता कंपनियों का सकल प्रत्यक्ष किस्त (जीडीपी) की राशि 33 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,30,97,000 करोड़ रुपये थी।

सर्वेक्षण में यह भी जिक्र है कि फसल बीमा, वाहनों की बिक्री, स्वास्थ्य बीमा व अन्य प्रकार की बीमा में बढ़ोतरी के कारण इस क्षेत्र में इतनी वृद्धि दर्ज की गई है।

दूसरी ओर, जीवन बीमा क्षेत्र में किस्त की आमद पिछले वित्त वर्ष के 3, 67,000 के मुकाबले 4,18,000 रुपये दर्ज की गई। इस तरह जीवन बीमा क्षेत्र में महज 14.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

जहां तक देश में बीमा के विस्तार का सवाल है तो 2001 में बीमा किस्त की राशि सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले महज 2.71 फीसदी थी जो बढ़कर 2016 में 3.49 फीसदी हो गई जिसमें 2.72 फीसदी जीवन बीमा और 0.77 फीसदी सामान्य की किस्त राशि है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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