Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

इंद्राणी मुखर्जी अस्पताल में भर्ती, डेंगू की आशंका

Published

on

Loading

मुंबई। हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड की प्रमुख आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को डेंगू होने की आशंका के चलते बुधवार को सर जे.जे.अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका रक्त प्लेटलेट्स 65 हजार पहुंच गया है और उन्हें डेंगू होने की आशंका है। अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि उन्हें बुखार आ रहा था व डेंगू के अन्य लक्षण दिखाई दिए।

चिकित्सकों के एक दल ने बुधवार सुबह भायखला जेल में उनके स्वास्थ्य की जांच की। चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें जेल परिसर से अस्पताल भेजने की सिफारिश की। बुधवार सुबह जेल अधिकारियों ने दंडाधिकारी आर.वी.अदोन को उनके स्वास्थ्य को लेकर एक रपट सौंपी, जिसके मुताबिक उनका रक्त प्लेटलेट्स 65 हजार पहुंच गया है और उन्हें डेंगू होने की आशंका है।

कमजोरी महसूस करने के बाद वह गंभीर रूप से बीमार हो गई थीं, जिसके बाद गंभीर हालत में तीन अक्टूबर को इंद्राणी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वह चार दिनों तक आईसीयू में रहीं। गौरतलब है कि अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की हत्या और उसके शव को रायगढ़ के निकट जंगल में ठिकाने लगाने के आरोप में इंद्राणी मुखर्जी, उनके पूर्व पति संजीव खन्ना व उनके पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय को अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। तीनों दो महीने से पुलिस हिरासत में हैं, जबकि मामले की जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है।

नेशनल

सुप्रीम कोर्ट ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में एडमिशन, कहा- प्रतिभाशाली छात्र को मझधार में नहीं छोड़ सकते

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक गरीब मजदूर के बेटे को आईआईटी में एडमिशन मिल गया है। दरअसल, मजदूर किसान का बेटा अतुल कुमार अपनी आगे की पढ़ाई के लिए IIT धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वो डेडलाइन पर फीस नहीं जमा कर सका। जिस कारण उसका आईआईटी में एडमिशन लेने का सपना, सपना ही रह गया।

दरअसल 18 वर्षीय अतुल कुमार के माता-पिता 24 जून तक फीस के रूप में 17,500 रुपये जमा करने में विफल रहे, जो आवश्यक शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि थी। कुमार के माता-पिता ने आईआईटी की सीट बचाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण और मद्रास हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश

इस मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, जज जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हम ऐसे प्रतिभाशाली युवक को अवसर से वंचित नहीं कर सकते। उसे मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता जैसे स्टूडेंट कमजोर वर्ग से आते हैं। उनको एडमिशन लेने से रोका नहीं जा सकता है।

Continue Reading

Trending