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इतालवी मरीन को और 3 महीने इटली में रहने की मंजूरी

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नई दिल्ली| भारतीय मछुआरों के हत्या के आरोपी इतालवी मरीन मसिमिलियानो लातोरे को सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को चिकित्सा के आधार पर और तीन महीनों के लिए इटली में रहने की मंजूरी दे दी। न्यायमूर्ति अनिल आर.दबे की अध्यक्षता वाली पीठ ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि लातोरे वापस भारत आएंगे और अपने साथी सल्वातोरे गिरोने के साथ मामले की सुनवाई का सामना करेंगे। दोनों पर फरवरी 2012 में दो भारतीय मछुआरों की कथित तौर पर समुद्री डाकू समझकर जान लेने का आरोप है।

पांच जनवरी को हुई दिल की सर्जरी के मद्देनजर, लातोरे ने चिकित्सा आधार पर इटली में रुकने की अवधि को बढ़ाने की अपील की थी। दिल की सर्जरी के बाद उन्हें स्वस्थ होने के लिए न्यायालय ने 14 जनवरी को इटली में उनके रुकने की अवधि को तीन महीने बढ़ा दिया था। यह विस्तार 12 अप्रैल को खत्म होने वाला था। सर्वोच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को उन्हें इटली में तीन महीने रुकने की मंजूरी देते वक्त इटली के राजदूत से एक हलफनामा लिया था, जिसमें यह भरोसा दिया गया है कि विस्तार की अवधि खत्म होने पर मरीन वापस लौटेंगे और अपने खिलाफ मामले की सुनवाई का सामना करेंगे। मस्तिस्क में आघात के कारण न्यायालय ने 12 सितंबर, 2014 को लातोरे को चार महीने के लिए इटली जाकर इलाज कराने की मंजूरी दी थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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