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इनकम टैक्स छूट में कोई बदलाव नहीं

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नई दिल्ली। वर्ष 2015-16 के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयरदाताओं को कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने आयकर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा टैक्स छूट बरकरार रहेगी। इस घोषणा का अर्थ है कि आयकरदाताओं को ढाई लाख तक की आमदनी पर ही टैक्स से छूट मिलेगी। बुर्जुगों के लिए यह सीमा 3 लाख है।

उल्लेखनीय है कि बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद थी। इनकमटैक्स दाताओं को रियायत भी दिए जाने का अनुपात था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। माना जा रहा था कि इनकम टैक्सह छूट तीन लाख रुपये हो जाएगी, लेकिन वित्तक मंत्री ने नौकरीपेशा लोगों की यह उम्मी द पूरी नहीं की। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह छूट पहले की तरह तीन लाख रुपये रहेगी।

पहले की तरह अब भी 2.5 से 5 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी, 5 से 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 3 से 5 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी, 5 से 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्सर देना होगा। महिलाओं को भी 2.5 से 5 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी, 5 से 10 लाख पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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