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प्रादेशिक

ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहें इफकोकर्मी : जीएम

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IIFCO AAVLAआंवला। इफको में चल रहे दो दिवसीय सर्तकता जागरुकता के अंर्तगत विभिन्न कार्यक्रम सोमवार से शुरू हो गए। कार्यक्रम का शुभारंभ महाप्रबंधक आर के श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने इफको के वरिष्ठ अधिकारियों और तमाम कर्मियों को ईमानदारी, पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा से काम करने की शपथ दिलाई।

कार्यक्रमों की श्रंखला में न्यू बिल्डिंग क्लब में क्रय प्रकिया और ऑनलाइन टेंडरिग प्रक्रिया पर वैंडरो और सविदांकारों को वरिष्ठ प्रबंधक क्रय सुशील कुमार, एएस चौहान व अरविंद कुमार ने क्रय प्रक्रिया और ऑनलाइन से जुड़ी तमाम जानकारी उपलब्ध कराई।

कार्यक्रम‘आज के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत भ्रष्टाचार दूर करने के ओर बढ़ रहा है‘ विषय पर केंद्रीय विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपने विचार रखे।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए उप महाप्रबन्धक सर्तकता अधिकारी कैप्टन अरुण सांमत ने कहा कि इफको विश्व की सबसे बडी सहकारी संस्था है जहां नियम और कानून की पारदर्शिता बनाये रखने के लिए दिलाई गई प्रतिज्ञा हमें सदैव जागरुक रखेगी।

मंगलवार को सर्तकता जागरुकता के समापन पर इफको में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता सहित विभिन्न कार्यक्रम के प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा। सर्तकता जागरुकता कार्यक्रम में उप महाप्रबन्धक सर्तकता अधिकारी कैप्टन अरुण सांमत, महमूद आलम, ए के शुक्ला, संजीव सक्सेना, मनोज शर्मा,आर आर सेठ सहित बड़ी संख्या में इफको अधिकारी उपस्थित हुए।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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