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मुख्य समाचार

इमरान की छवि बदलेगी “मिस्टर एक्स “

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फिल्म का नाम – मिस्टर एक्स
स्टार कास्ट – इमरान हाशमी, अमायरा दस्तूर, अरुणोदय सिंह
डायरेक्टर- विक्रम भट्ट
प्रोड्यूसर – मुकेश भट्ट, महेश भट्ट
संगीत – जीत गांगुली, अंकित तिवारी
जॉनर – साइंस फिक्शन

बॉलीवुड इंडस्ट्री में अगर बात इमरान हाश्मी की फिल्म की हो तो हर इंसान यही सोचकर परिवारीजनों के साथ कहीं नहीं जाता की अश्लील दृश्य और चुम्बन दृश्यों की भरमार होगी। लेकिन इस बार आप अपने दिमाग की सोच को थोड़ा बदलकर डाइरेक्टर विक्रम भट्ट की यह फिल्म देखने जाएँ। और अपने पूरे परिवार के साथ इस फिल्म का मज़ा ले सकते हैं।  डायरेक्टर विक्रम भट्ट की साइंस फिक्शन थ्रिलर फिल्म ‘मिस्टर एक्स’ सिनेमाघरों में आज  यानी की १७ अप्रैल २०१५ को रिलीज हो चुकी है। वैसे, तो इमरान की छवि एक सीरियल किसर की है, लेकिन इस फिल्म में दर्शकों को इमरान एक अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं।  इमरान की इस फिल्म का निर्माण फैमिली और बच्चों को ध्यान में रखकर किया गया है।
कहानी संक्षेप में 

‘मिस्टर एक्स’ कहानी है रघुराम राठौर (इमरान हाशमी) की, जो कि एक एंटी टेरेरिस्ट डिपार्टमेंट (ATD) का ऑफिसर है। रघु को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की हिफाजत में लगाया जाता है, लेकिन मामले में मोड़ तब आता है, जब उसको ATD के बॉस (अरुणोदय सिंह) के द्वारा सीएम को मारने का आदेश दिया जाता है। रघु ऐसा करने से इनकार कर देता है, जिसके बाद उसे यह कहकर ब्लैकमेल किया जाता है कि यदि वह सीएम को नहीं मारेगा तो उसकी गर्लफ्रेंड सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) को मार दिया जाएगा। मजबूरी में रघु सीएम को मार देता है। इसके बाद ATD वाले रघु को एक रिफाइनरी में ले जाते हैं और रिफाइनरी को बम से उड़ा देते हैं। इस घटना में रघु की जान तो बच जाती है, लेकिन वह बुरी तरह से जल जाता है। वह किसी तरह एक लेबोरेट्री में पहुंचता है, जहां उसकी जान बचाने के लिए उसे एंटी रेडिएशन मेडिसिन खिला दी जाती है। नतीजा यह होता है कि उसमें इनविजिबल होने का पावर आ जाता है। खास बात यह है कि उसे सिर्फ सूरज की रोशनी में देखा जा सकता है। फिल्म में दो डायलॉग अहम हैं, जिनसे आगे की कहानी को समझा जा सकता है। एक ‘मैं मरा नहीं हूं….कोई वजह है, जिसके लिए मैं अब भी जिंदा हूं” और दूसरा ‘मैं वो रघुराम राठौर नहीं हूं, जो कानून के दायरे में रहकर नाइंसाफी बर्दास्त करेगा…मैं वो मिस्टर एक्स’ हूं, जो कानून तोड़कर इंसाफ करेगा।” अब इस पूरी खानी में किस वजह से रघु की मौत नहीं होती और मिस्टर एक्स बनकर वह किस तरह अपना इन्साफ करता है आपको सिनेमाघर जाना पड़ेगा।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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