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इस फुटबालर ने ‘ऊं नम: शिवाय’ का टैटू बनवाकर तो चौंका दिया

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जाने क्यों बनवाया ॐ नमः शिवाय का आध्यात्मिक टैटू

इस फुटबालर ने ‘ऊं नम: शिवाय’ का टैटू बनवाकर तो चौंका दियाआजकल यंगस्टर्स के बीच टैटू का फैशन तेजी से बढ़ रहा है। हर किसी यंगस्टर की टैटू को लेकर अपनी- अपनी पसंद है।
सिर्फ आम इंसानों को ही नहीं बल्कि क्रिकेटर्स और फुटबॉलर्स को भी टैटू स्वैग बहुत भा रहा है। इंग्लैंड की मशहूर इंग्लिश प्रीमियर लीग में आर्सेनल के लिए खेलने वाले वॉलकॉट अपने हालिया टैटू ‘ऊं नम: शिवाय’ को लेकर चर्चा में है।

दरअसल, थियो वॉलकॉट को अपनी बॉडी से बेहद प्यार है। उन्होंने अपने शरीर पर कई टैटू बनवा रखे है। वॉलकॉट ने इससे पहले अपनी दाई कलाई में टैटू कराया था, जिसमें संस्कृत में लिखा था ‘सुन्दर, धन्य, मजबूत, बुद्धिमान।

वॉलकॉट ने ट्विटर पर अपनी इस टैटू की फोटो शेयर की है, जिसमें लिखा है कि आपका दिल खोलने वाला, नफरत, घृणा, और डर को कम करने वाला और अंत तक खुश और प्रफुल्लित रहने का अनुभव देने वाला है यह गायत्री मन्त्र।

YOUNGSTERS, SWAG, THEO WALCOTT'S  TATTO, मारिया शारापोवा

हिन्दू धर्म के अनुसार, ॐ नमः शिवाय भगवान् शिव का मंत्र है, जो उनकी आराधना के लिए बोला जाता है।

हिंदी में टैटू बनवाने की फेहरिस्त में जुड़ा एक और विदेशी ‘थियो’ का नाम –

हिन्दू भाषा में टैटू बनवाने व३ाले विदेशी खिलाड़ियों की फेहरिस्त में अब वालकॉट का नाम भी जुड़ गया है। बता दें, कि इससे पहले इंग्लैंड के फुटबॉलर डेविड बेकहम ने अपनी बाजू में पत्नी विक्टोरिया का नाम हिंदी में लिखाया था। दूसरी तरफ रूस की टेनिस स्टार ‘ मारिया शारापोवा ने अपनी गर्दन पर हिंदी में ‘जीत’ लिखवाया था।

YOUNGSTERS, SWAG, THEO WALCOTT'S  TATTO, मारिया शारापोवा

विदेशियों द्वारा बनवाया जा रहा ये हिंदी टैटू लोगों में काफी प्रचलित हो रहा है, लोग इसे काफी हद तक पसंद कर रहे है।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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