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उत्तराखंड

उत्तराखंड : कांग्रेस की पहली सूची जारी, नाराज कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में की तोड़फोड़

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Harish Rawat addresses pressदेहरादून/नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए 63 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी। इस सूची से नाखुश कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी के देहरादून कार्यालय में तोडफ़ोड़ की। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा जारी सूची के अनुसार, मुख्यमंत्री हरीश रावत दो सीटों हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा से चुनाव लड़ेंगे।

ज्यादातर निर्वतमान विधायकों को फिर से टिकट दिया गया है। कुछ अन्य पार्टियों से आए लोगों को भी टिकट दिया गया है। उत्तराखंड आंदोलन में एक व्यक्ति की हत्या और दो व्यक्तियों को घायल करने के मामले में सीबीआई अदालत द्वारा 2012 में बरी किए जा चुके सूर्यकांत धस्माना देहरादून कैंट से मैदान में उतर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहसपुर से चुनाव लड़ेंगे।

टिकट वितरण से नाखुश रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पार्टी के देहरादून कार्यालय में तोडफ़ोड़ की। कार्यकर्ताओं ने कुर्सियां फेंकी और फर्नीचर तोड़ दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री रावत और उपाध्याय के खिलाफ नारे भी लगाए।

उत्तराखंड विधानसभा की 70 सीटों पर 15 फरवरी को चुनाव होने हैं।

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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