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उत्तेजक भाषण मामले में केजरीवाल को यूपी हाईकोर्ट से राहत

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लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उत्तेजक भाषण देने के मामले में सोमवार को राहत दे दी। केजरीवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मेरठ में कथित तौर पर उत्तेजक भाषण दिया था। अमेठी स्थित मुसाफिर खाना अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अमेठी की न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से जारी जमानती वारंट के अमल पर तीन सप्ताह तक के लिए रोक लगा दी है। न्यायामूर्ति महेंद्र दयाल ने यह आदेश केजरीवाल की तरफ से दायर एक याचिका पर दिया। इस याचिका में 20 जुलाई को निचली अदालत से जारी जमानती वारंट समेत पूरे मुकदमे की कार्यवाही रद्द किए जाने की मांग की गई थी।

केजरीवाल के वकील महमूद आलम ने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मई 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने अमेठी के औरंगाबाद गांव में आम आदमी पार्टी (आप) प्रत्याशी कुमार विश्वास के पक्ष में चुनावी जनसभा में जो भाषण दिया, उससे कोई अपराध नहीं बनता, क्योंकि यह ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के दायरे में आता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में दिए गए कथित उत्तेजक भाषण को लेकर वहां दर्ज हुए मामले में वारंट जारी होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और के नेता अरविंद केजरीवाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली थी।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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