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प्रादेशिक

‘उत्थान’ में दिखेगी छात्राओं की प्रतिभा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद करेंगे शिरकत

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कृपालु महिला महाविद्यालय का आठवां वार्षिकोत्सव कार्यक्रम रविवार को

कुंडा (प्रतापगढ़)। जगद्गुरु कृपालु परिषत् (जेकेपी) द्वारा संचालित कृपालु महिला महाविद्यालय का आठवां वार्षिकोत्सव कार्यक्रम ‘उत्थान’ रविवार (10 दिसम्बर) को परिसर में धूमधाम से मनाया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, ऑल इंडिया एंटी टेरिस्ट फ्रंट (एआईएटीएफ) प्रमुख मनिंदरजीत सिंह बिट्टा और बॉलीवुड एक्टर अरबाज खान मौजूद रहेंगे।

जेकेपी के ट्रस्टी राम पुरी ने बताया कि कार्यक्रम को बेहद भव्य तरीके से आयोजित करने के लिए सभी तैयारियां स्थानीय प्रशासन व विद्यालय परिवार ने पूरी कर ली है। इस अवसर पर जेकेपी की अध्यक्ष सुश्री डॉ. विशाखा त्रिपाठी, सुश्री डॉ. श्यामा त्रिपाठी और सुश्री डॉ कृष्णा त्रिपाठी भी मौजूद रहेंगी।

कृपालु महिला महाविद्यालय में जोर-शोर से चल रही हैं वार्षिकोत्सव कार्यक्रम की तैयारी

कार्यक्रम शुभारंभ के बाद विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना, स्वागत गीत समेत सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इस दौरान मेधावी छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे।

बता दें कि ग्रामीण एवं निर्धन बालिकाओं के शैक्षिक उत्थान हेतु जगद्गुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन द्वारा प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील में तीन शिक्षण संस्थान- कृपालु महिला महाविद्यालय, कृपालु बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज और कृपालु बालिका प्राइमरी संचालित किए जाते हैं।

इन संस्थानों में बालिकाओं को प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर उन्हें आत्म-निर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है। खास बात यह है कि इन संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्सेज भी चलाए जाते हैं जिससे लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकें।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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