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प्रादेशिक

उन्नाव में नरकंकाल मिलने से हडकंप, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

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उन्नाव। उन्नाव पुलिस लाइन के एक बंद कमरे में गुरुवार को पांच मानव खोपड़ियां व लगभग चार सौ हड्डियां मिलने से हड़कम्प मच गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। यूपी के आईजी (कानून-व्यवस्था) ने भी उन्नाव के एसपी से मामले की जानकारी मांगी है। कुछ दिन पहले उन्नाव के ही परियर घाट पर भी सौ से ज्यादा शव मिल चुके हैं।

नरकंकाल महिला थाना व स्वाट कार्यालय के पास बंद पड़े कमरे में मिले। 2008 में पोस्टमार्टम हाउस को यहां से नए जिला अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। हालांकि इस कमरे में रखे अवशेष वैसे ही छोड़ दिए गए। पुलिस लाइन में प्रयोग से बाहर हो चुके इस विसरा कक्ष में पोस्टमार्टम के बाद शरीर के  अंग सुरक्षित रखे जाते थे। नरकंकाल के अलग-अलग हिस्सों को भरकर लगभग एक दजर्न बोरियों में रखा गया था। इस कमरे में नरकंकाल के अवशेष संभालकर रखने का यह सिलसिला 35 साल पहले शुरू किया गया था। समय अधिक होने से बोरियां फट गई और हड्डियां बाहर आ गईं।

मामले की जानकारी होते ही अफवाहों का दौर शुरू हो गया। हड़कंप के बाद मामले की तफ्तीश को पहुंचे पुलिस प्रशासन ने पोस्टमार्टम से जुड़े कागजात मंगाकर मामले की जांच की तो रखे गए अंग नमूने कागजातों पर दर्ज पाए गए। मौके पर पहुंचे भाजपा नेताओं में विधायक पंकज गुप्ता सहित पूर्व विधायक कृपाशंकर सिंह आदि ने प्रशासनिक उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि विसरा कक्ष का नमूना ही मान लिया जाए तो इसका निस्तारण किया जाना चाहिए था। यह भी देखा जाना चाहिए कि यह मामला मानव अंग तस्करी से जुड़ा तो नहीं है। उन्नाव के एसपी एमपी सिंह ने एएसपी रामकिशुन को मामले की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है।

उन्नाव के एसपी एमपी सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को साफ करने के लिए लिखित प्रमाण मंगाए। यहीं के पुलिस चिकित्सालय में काम कर चुके फार्मेसिस्ट वीके वर्मा ने जिला अस्पताल से लाकर रजिस्टर दिखाया जो सन् 1979 का बना हुआ है। विसरा कक्ष में सुरक्षित रखे जाने वाले मानव अस्थि अवशेषों के पूरे जखीरे का व्योरा रजिस्टर में दर्ज है। जिसमें तारीख वार पाए गए कंकाल व शेष हिस्सों की हड्डियों का विवरण लिखा हुआ है। मानव शरीर अस्थि हिस्सों को इस कक्ष में सहेजकर रखने का सिलसिला वर्ष 2008 तक किया गया।

करीब के कमरे में होता था पोस्टमार्टम

एसपी ने जिला अस्पताल से मंगवाया गया रजिस्टर दिखाते हुए कहा कि साल 2008 तक इस कमरे में अस्थि पंजरों व विसरा रखने का काम किया जाता था। यहीं पास के कमरे में पोस्टमार्टम किया जाता था। फिलहाल यह काम जिला अस्पताल में किया जा रहा है। इसलिए 2008 के बाद लावारिस शरीर अवशेषों के अलावा विसरा रखने की प्रक्रिया यहां बंद हो गई।

युवक से मिली मीडिया को खबर

सुरक्षा व देखरेख की निगरानी के जिम्मेदार पुलिस जवानों की नजर से यह कमरा कैसे बचा रहा। कमरे के बगल में स्वाट कार्यालय, महिला थाना के अलावा पुलिस की मौजूदगी रहती है। ऐसे में किसी युवक की नजर कमरे की टूटी खिड़की के अंदर पड़ी जिसने मीडिया को खबर कर दी।

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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