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उप्र : उलेमा सम्मेलन में हंगामा, इंद्रेश को काले झंडे दिखाए

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लखनऊ| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से शनिवार को चारबाग स्थित रवींद्रालय में आयोजित उलेमा सम्मेलन में जमकर हंगामा हुआ। यहां संघ के केंद्रीय प्रचारक इंद्रेश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए। विरोध करने वालों ने कहा कि मुसलमानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है। आरएसएस के मकसद को वे कामयाब नहीं होने देंगे।

कार्यक्रम शुरू होने के बाद एक स्कार्पियो गाड़ी से आठ से दस लोग काले झंडे और मुस्लिम लीग का झंडा लेकर रवींद्रालय पहुंचे और इंद्रेश कुमार के खिलाफ नारे लगाने लगे। मुस्लिम मंच के लोगों ने इन लोगों को कक्ष के बाहर निकाला। बाहर निकाले जाने पर इनके बीच धक्का-मुक्की और कहासुनी भी हुई। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि अमन के रास्ते में शैतान तरह-तरह के वेश बनाकर आता है। काला झंडा लेकर आने वाले भी शांति, एकता और इंसानियत के दुश्मन हैं, इन्हें बहुत गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख मोहम्मद अफजल ने बताया, “ये एक ऐतिहासिक पल है, जब देवबंदी, बरेलवी, शिया और सुन्नी एक साथ एक मंच पर हैं। ऐसा इसके पहले कभी नहीं हुआ। इस मंच से हमने दहशतगर्दी, दंगा-फसाद और बंटवारे के मसलों पर चर्चा की। साथ ही मुसलमानों को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम की तरह बनने के लिए भी प्रेरित किया। उम्मीद है कि वे इन बातों पर आने वाले दिनों में गौर करेंगे।” उल्लेखनीय है कि सम्मेलन के लिए तमाम मौलानाओं और उलेमाओं को भी बुलावा भेजा गया था, लेकिन उन्होंने इससे दूरी बनाए रखी। मौलाना कल्बे सादिक का कहना था कि उनका बहुत पहले से स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती के साथ प्रोग्राम फिक्स था, इसलिए वह कहीं नहीं जा सकते।

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। उनका कहना था कि उन्हें निमंत्रण मिला है, लेकिन व्यस्तता के कारण वह इस सम्मेलन में नहीं जा सके। सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली के मुताबिक, आरएसएस को चाहिए कि वह मुस्लिमों के मुद्दों और खुद मुसलमानों को लेकर अपना नजरिया स्पष्ट करे। जब तक यह स्पष्ट नहीं होगा, तब तक उनके कार्यक्रमों में जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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