प्रादेशिक
गठबंधन के बावजूद दर्जनभर सीटों पर कांग्रेस, सपा प्रत्याशी आमने-सामने
लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी(सपा) में हुए गठबंधन के बावजूद दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है। राज्य की लगभग एक दर्जन सीटों पर दोनों दलों के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। कई प्रत्याशियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है, फिर भी बागी नेता चुनाव में ताल ठोंक रहे हैं। अखिलेश यादव व राहुल गांधी लखनऊ के बाद आगरा में भी साझा रोड-शो कर चुके हैं। इसके बाद भी दोनों दलों के नेता अपने को किसी से कम नहीं मान रहे हैं। नाम वापसी की हिदायत नहीं मानने पर सपा ने सहारनपुर के गंगोह के प्रत्याशी चौधरी इंद्रसेन को पार्टी से निकाल दिया है।
उत्तर प्रदेश में चुनावी गठबंधन के तहत सपा को 298 व कांग्रेस को 105 सीटों पर चुनाव लड़ना है।
प्रथम दो चरणों के साथ ही तीसरे चरण की अब तक जिन 209 सीटों पर कल नामांकन प्रक्रिया पूरी हुई है, उनमें से 12 सीटें ऐसी हैं, जिन पर सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी एक-दूसरे के सामने मैदान में हैं।
लखनऊ मध्य की हाई प्रोफाइल सीट पर अखिलेश सरकार के मंत्री व सपा उम्मीदवार रविदास मेहरोत्रा व कांग्रेस के मारुफखां आमने-सामने हैं। दोनों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है।
नामांकन को लेकर रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि वह हाईकमान के आदेश पर नामांकन कर रहे हैं। पार्टी ने उन्हें इसकी इजाजत दी है। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी मारुफखां ने भी कहा कि शीर्ष नेतृत्व के आदेश के बाद ही उन्होंने पर्चा दाखिल किया है।
बाराबंकी की जैदपुर सीट पर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पी. एल. पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया कांग्रेस और राम गोपाल रावत सपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंक रहे हैं। दोनों को अपने-अपने दलों का चुनाव चिह्न् मिल गया है।
कानपुर शहर की आर्य नगर सीट पर पूर्व मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के भाई प्रमोद जायसवाल कांग्रेस व प्रोफेसर राम गोपाल यादव के बेहद करीबी अमिताभ बाजपेयी सपा से नामांकन कराकर आमने-सामने हो गए हैं।
अलीगढ़ की कोल सीट पर कांग्रेस के विवेक बंसल और समाजवादी पार्टी के अज्जू इशहाक एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। यहां सपा प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जनसभा कर आए हैं।
मथुरा की छाता ऐसी विधानसभा सीट है, जहां कांग्रेस व सपा दोनों के प्रत्याशी पर्चा दाखिल नहीं कर पाए। गठबंधन के प्रत्याशी को लेकर तस्वीर साफ न होने के चलते सपा व कांग्रेस में से किसी का प्रत्याशी नामांकन के साथ सिंबल दाखिल नहीं कर सका। चुनाव मैदान में निर्दलीय के रूप में उतरे अतुल सिसोदिया का सपा समर्थन कर रही है।
IANS News
महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।
विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य
महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।
अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।
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