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उप्र बजट : सत्तापक्ष ने सराहा, विपक्ष ने बताया निराशाजनक
लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधानसभा में वर्ष 2015-16 का बजट पेश किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गांव, गरीब और किसान को ध्यान में रखकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। इस बीच उप्र के विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस व राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने इसे निराशाजनक करार दिया है। विधानसभा में बजट प्रस्तुत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसी को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है। सरकार उप्र के विकास की रफ्तार को और गति देने का प्रयास कर रही है।
अखिलेश ने कहा, “गांव, गरीब व किसानों को ध्यान में रखकर ही बजट में बिजली के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था की गई है। यदि गांवों में 16 घंटे और शहरों में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने का लक्ष्य हासिल करना है तो इस दिशा में तेजी से काम करना होगा और सरकार उसी दिशा में आगे बढ़ रह है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार बिजली के ट्रांसमिशन का काम पूरा हो जाएगा तो लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार मेडिकल कॉलेजों पर ध्यान दे रही है कोशिश है कि सभी वर्गो के लोगों को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हैं और इसीलिए वर्ष 2015-16 को किसान वर्ष घोषित किया गया है।
इधर, विपक्ष ने मुख्यमंत्री के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। विपक्ष ने एक सुर में कहा कि बजट में न तो किसानों का ख्याल रखा गया है और न ही युवाओं के रोजगार की बात कही गई है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि तीन वर्ष से बहस कानून व्यवस्था के नाम पर हो रही है, लेकिन सरकार इस दिशा में कोई सार्थक पहल करती नहीं दिखाई दे रही है। सरकार ने बजट को गंभीरता से नहीं लिया है। बजट में उप्र में निवेश की कोई बात नहीं कही गई है।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार के बजट में गंभीरता का आभाव है। कई योजनाओं की घोषणा की गई है, लेकिन इसके लिए धन कहां से आएगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। राष्ट्रीय लोकदल (रालेद) के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार का बजट पूरी तरह से किसान विरोधी है। बजट में न तो किसानों के लिए कुछ है और न ही उप्र के नौजवानों का इसमें ख्याल रखा गया है।
चौहान ने कहा, “बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है। नौजवानों के लिए कोई घोषणा नहीं है। इसके अलावा महिला सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे किए गए लेकिन उसके लिए भी कुछ नहीं है। बजट पूरी तरह से निराशाजनक है।”
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने कहा कि बजट में किसानों और नौजवानों की अनदेखी की गई है। बजट पूरी तरह से निराशाजनक है। इसमें न तो किसानों के हित की बात की गई है और न ही नौजवानों के लिए रोजगार सृजन की बात की गई है।
राजभर ने कहा कि सरकार एक बार फिर उन्हीं योजनाओं को ला रही है जिसे पिछली बार बंद कर दिया था। सरकार को यह बताना चाहिए कि लैपटॉप वितरण योजना, कन्या विद्याधन योजना पर सरकार एक बार फिर क्यों मेहरबान हो रही है।
इससे पूर्व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उप्र इकाई ने राज्य सरकार के बजट को महज छलावा और आंकड़ों की बाजीगरी करार दिया है। भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में वर्ष 2015-16 का जो बजट पेश किया है, वह झूठ के पुलिंदे के अलावे कुछ नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट में वर्ष 2015-16 को किसान वर्ष घोषित करने की बात कही है जो कि हास्यास्पद है। वाजपेयी ने आरोप लगाया कि उप्र में लगभग तीन वर्ष पहले राज्य में सपा की सरकार बनी थी और तब अपने चुनावी वादे में अखिलेश ने कहा था कि उप्र में सरकार बनने पर राज्य में कृषि मूल्य आयोग का गठन किया जाएगा, लेकिन अभी तक वह गठित नहीं हुआ।
वाजपेयी ने कहा, “तीन साल तक जो सरकार किसानों के हित में एक आयोग तक गठित नहीं कर पाई, वही अब गांव, गरीब और किसान की बात कर रही है। किसानों को आज तक गन्ने का बकाया नहीं मिला। वादे के मुताबिक, सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया।”
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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