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उप्र : बाल सुधार गृहों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाल सुधार गृहों से कैदियों के भागने व मारपीट की घटनाओं पर शासन ने सख्त नाराजगी जताई है और इन घटनाओं पर नजर रखने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। इसके लिए प्रदेशभर के बाल सुधार गृहों में सीसी टीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। 

विभिन्न अपराध में निरुद्ध नाबालिग किशोर-किशोरियों के लिए प्रदेश में सम्प्रेषण गृहों का संचालन किया जाता है। इसके अतिरिक्त बेसहारा व निर्धन बच्चों के लिए इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट में निरुद्ध नाबालिग किशोरियों के लिए होम की व्यवस्था की गई है। विभिन्न श्रेणी के प्रदेश भर में चलने वाले 69 गृहों को चलाने की जिम्मेदारी महिला कल्याण विभाग की है।

हाल में मेरठ व जौनपुर सम्प्रेषण गृह से बाल कैदियों के भागने की घटना ने इन गृहों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिया है। यही नहीं इन बच्चों के पकड़े जाने पर गृहों में किशोर व किशोरियों की दी जाने वाली यातनाएं भी उजागर हुई हैं। सबसे खराब स्थित बालिका संरक्षण गृहों की है।

पुरुष कर्मचारियों के प्रवेश पर रोक के बावजूद होम्स में महिला कर्मचारियों की जगह पुरुष कर्मचारियों को तैनात किए जाने की शिकायतें शासन स्तर पर भी की गई हैं। स्थिति यह है कि प्रदेशभर में चलने वाले इन होम्स में ज्यादातर होम्स सहायक अधीक्षकों के भरोसे चलाए जा रहे हैं।

शासनादेश के अनुसार, होम की जिम्मेदारी संभालने वाले संबंधित अधीक्षक व सहायक अधीक्षक को रात में होम में ही रहना अनिवार्य है। इसके विपरीत शासनादेश को परे रखकर रात के होम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे ही रहते हैं। ऐसे में रात को होम से संवासियों के भागने की घटना को आसानी से अंजाम दिया जाता है और अधिकारियों को सुबह होने पर ही इसकी जानकारी हो पाती है।

इन घटनाओं के बाद होने वाली कार्यवाही के नाम पर संबंधित अधिकारी को एक संस्था से दूसरे संस्था भेजकर इतिश्री कर ली जाती है।

इन घटनाओं पर रोक लगाने व संवासियों के साथ ही अधीक्षकों पर भी कमान कसने के लिए अब शासन ने प्रदेश के सभी संरक्षण व बाल सुधार गृहों में सीसी टीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। संवासियों के कमरों, रसोई गृह उनकी कक्षाओं के साथ ही यह कैमरे संबंधित अधीक्षक के कमरों में भी लगाए जा सकेंगे।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इससे संवासियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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