प्रादेशिक
उप्र : मऊ-इलाहाबाद डेमू ट्रेन 30 जून से
लखनऊ । रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा 30 जून को पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल अंतर्गत सादात रेलवे स्टेशन से शाम चार बजे एक समारोह के दौरान मऊ-इलाहाबाद सिटी डेमू रेल सेवा के संचालन का शुभारंभ करेंगे। यह गाड़ी 30 जून को सादात से इलाहाबाद सिटी के लिए विशेष गाड़ी सं. 75107 के रूप में चलाई जाएगी। वहीं नियमित डेमू गाड़ी संख्या 75106/75105 का परिचालन एक जुलाई से किया जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि विशेष गाड़ी संख्या 75107 सादात से 16 बजे प्रस्थान कर औड़िहार जंक्शन से 16.20 बजे, वाराणसी सिटी से 17.13 बजे, वाराणसी से 18.05 बजे, मंडुवाडीह से 18.17 बजे, माधोसिंह से 19.26 बजे छूटकर इलाहाबाद सिटी 21.30 बजे पहुंचेगी। यह विशेष गाड़ी अपने यात्रामार्ग के सभी स्टेशनों पर रुकेगी। सिंह ने बताया कि नियमित डेमू गाड़ी संख्या 75106 इलाहाबाद सिटी से 6.20 बजे, दारागंज से 6.30 बजे, झूसी से 6.39 बजे, झानपुर रोड से 7.27 बजे, माधोसिंह से 7.42 बजे, मंडुवाडीह से 8.35 बजे, वाराणसी जंक्शन से 9.05 बजे, वाराणसी सिटी से 9.15 बजे, औड़िहार से 9.52 बजे, सादात से 10.20 बजे छूटकर मऊ जं. 12 बजे पहुंचेगी। इसी प्रकार डेमू गाड़ी संख्या 75105 मऊ जं. से 13.15 बजे प्रस्थान कर औड़िहार जं. से 14.43 बजे, वाराणसी सिटी से 15.35 बजे, वाराणसी जं. से 16.00 बजे, मण्डुवाडी से 16.12 बजे, माधोसिंह से 17.06 बजे, झानपुर रोड से 17.38 बजे, झूसी से 18.55 बजे, दारागंज से 19.19 बजे छूटकर इलाहाबाद सिटी 19.30 बजे पहुंचेगी। यह गाड़ी भी अपने यात्रामार्ग में सभी स्टेशनों पर रुकेगी।
सिंह ने बताया कि इलाहाबाद सिटी-मऊ डेमू गाड़ी संख्या 75106 तथा मऊ-वाराणसी सिटी डेमू गाड़ी संख्या 75105 रविवार को नहीं चलेगी। इसी प्रकार डेमू गाड़ी संख्या 75105 वाराणसी सिटी-इलाहाबाद सिटी के बीच शनिवार को निरस्त रहेगी। फलस्वरूप वाराणसी सिटी-बलिया के बीच चलने वाली 75102 रविवार के स्थान पर शनिवार को निरस्त रहेगी तथा इस गाड़ी का संचलन रविवार को किया जाएगा। मऊ-इलाहाबाद सिटी-मऊ डेमू सेवा के संचलन के शुभारंभ समारोह में जनप्रतिनिधियों के अलावा पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय के प्रमुख विभागाध्यक्ष, मंडल रेल प्रबंधक (वाराणसी) एवं अन्य वरिष्ठ रेल अधिकारी मौजूद रहेंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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