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प्रादेशिक

उप्र में अब विधान परिषद चुनाव की सरगर्मी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले महीने यानी 30 जनवरी, 2015 को 12 विधान परिषद सदस्यों का छह साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। अगले साल की शुरुआत में रिक्त होने जा रही इन 12 सीटों के लिए चुनाव की तैयारी चल रही है। इस चुनाव में विधानसभा सदस्य मतदान करते हैं। इसलिए संख्या के आधार पर जहां बसपा को चार सीटों का नुकसान होगा, वहीं सपा को चार सीटों का फायदा मिलेगा।

अगले महीने जिन सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, उसमें बसपा के नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अशोक कुमार सिद्वार्थ, प्रताप सिंह बघेल, लोकेश प्रजापति, महेश आर्य, धर्मप्रकाश भारती, सपा के अहमद हसन, डॉ. सरोजनी अग्रवाल, रमेश यादव, भाजपा के विनोद पांडेय, बाबू राम व कांग्रेस के डॉ. ओम प्रकाश त्रिपाठी के नाम शामिल हैं।

विधानसभा में संख्या बल की दृष्टि से 403 में सपा के पास 235, बसपा के पास 80, भाजपा के पास 41, कांग्रेस के पास 28, रालोद के आठ, पीस पार्टी के चार (इनमें से तीन सपा समर्थक), निर्दलीय छह, कौमी एकता दल के दो, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, माकपा व अपना दल के एक-एक मनोनीत सदस्य हैं, यानी 403 विधायक 12 विधान परिषद सदस्यों का चुनाव करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषक शिवेंदु निगम ने बताया कि एक विधान परिषद सदस्य के लिए 36 विधायकों का समर्थन जरूरी है। ऐसे में 235 सदस्यों के साथ सपा अपने छह सदस्यों को आसानी से जीत दिलाएगी और उसके पास 19 अतिरिक्त मत बच जाएंगे। इसी तरह बसपा अपने दो सदस्यों को जीत दिलाएगी और उसके पास आठ मत अतिरिक्त बचेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा भी अपने एक सदस्य को आसानी से जीत दिलाएगी और उसके पास पांच अतिरिक्त मत बचेंगे। अगर सपा ने अपना सातवां उम्मीदवार खड़ा कर दिया या कोई निर्दलीय उम्मीदवार बन गया तो कांग्रेस को अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने में मशक्कत करनी होगी और दूसरी तरफ निर्विरोध निर्वाचन की जगह चुनाव की स्थिति पैदा हो जाएगी।

इस तरह जनवरी की सर्दी में विधान परिषद चुनाव के कारण उत्तर प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी।

विधानसभा सदस्यों की वर्तमान स्थिति के अनुसार, सपा को जहां तीन की बजाय छह या सात सदस्यों को जीत दिलाने के साथ तीन या चार सीटों का फायदा होगा, वहीं इस बार बसपा के छह सदस्यों के बजाय मात्र दो सदस्य विधान परिषद में जा पाएंगे यानी उसे चार सीटों का नुकसान होगा। वहीं भाजपा को भी एक सीट का नुकसान होगा।

विश्लेषक मानते हैं कि यदि कांग्रेस व रालोद ने अपना साझा उम्मीदवार खड़ा किया, तो उनका उम्मीदवार आसानी से निर्वाचित हो जाएगा। इन सबके बावजूद यदि 12 से ज्यादा उम्मीदवार हुए तो चुनाव की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। इसके साथ ही 15 मई, 2015 को नौ मनोनीत सदस्यों का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ये सभी बसपा के हैं और इस बार सभी मनोनीत सपा के होंगे।

बसपा के जिन मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें कमलाकांत, नौशाद अली, शिवबोध राम, एम.एल. तोमर, रामचंद्र प्रधान, डॉ. मेघराज सिंह, विनय शाक्य, बनवारी सिंह यादव और डॉ. गोपाल नारायण मिश्र के नाम शामिल हैं।

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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