प्रादेशिक
उप्र में राजमार्गो से हटाई जाएँगी शराब की दुकानें
लखनऊ| शराब पीकर वाहन चलाने के कारण होने वाली मौतों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी राजमार्गो एवं मुख्य सड़कों के किनारे शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यालय से मिले निर्देश के तहत आबकारी विभाग ने अपनी तरह की अनूठी पहल की है।
प्रधान सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को लिखित निर्देश दिए हैं कि राजमार्गो पर शराब की नई दुकानों के लिए लाइसेंस जारी न किए जाएं और मौजूदा दुकानों के लाइसेंसों का नवीकरण भी न किया जाए।
हर साल मार्च में ये लाइसेंस दिए जाते हैं और राज्य के राजकोष के लिए धन एकत्रित करने का अहम स्रोत है।
लखनऊ में हाल ही में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में हुई लोगों की मौत और शराब पीकर वाहन चलाने के कारण होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि से परेशान राज्य सरकार ने गैरकानूनी तरीके से शराब बेचने वालों पर गुंडा अधिनियम लगाए जाने का आदेश दिया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं निदेशक (यातायात) अनिल अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में शराब पीकर वाहन चलाना दूसरा बड़ा कारण है।
राज्य में 2009 से 2013 के बीच शराब पीकर वाहन चलाने से हुई दुर्घटना में 12,178 लोगों की मौत हुई। इसी अवधि में तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई दुर्घटना में 14,786 मौतें हुईं।
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस से कहा कि सरकार कई राजमार्गो को चिह्नित कर चुकी है, जिस पर से शराब बिक्री प्रतिबंधित की जाएगी।
इनमें बरेली और लखनऊ, लखनऊ और फैजाबाद, गोरखपुर और मुजफ्फरनगर, लखनऊ और इलाहाबाद तथा लखनऊ और वाराणसी को जोड़ने वाले राजमार्ग शामिल हैं।
इसके अलावा 12 अन्य राजमार्गो पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित की जाएगी, जिन पर सैकड़ों की संख्या में शराब की दुकाने हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा लाइसेंस पिछली सरकार ने दिए हैं और मौजूदा सरकार के लिए मौजूदा लाइसेंसो को खत्म करना मुश्किल है।
राज्य सरकार ने राजमार्ग पुलिस से गश्त बढ़ाने के लिए भी कहा है। इसके अलावा पुलिस से सड़कों के किनारे स्थित भोजनालयों एवं ढाबों पर भी छापेमारी के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि पूरे देश में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक होती है।
राज्य सरकार ने हाल ही में सड़क सुरक्षा कोष और राजमार्ग पुलिस की स्थापना की है।
प्रादेशिक
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी। कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
-
लाइफ स्टाइल21 hours ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
नेशनल4 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश23 hours ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद4 hours ago
HAPPY BIRTHDAY KING KOHLI : भारतीय क्रिकेट टीम के किंग विराट कोहली आज मना रहे हैं अपना 36वां जन्मदिन
-
खेल-कूद2 hours ago
फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल
-
नेशनल2 days ago
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण सनातन धर्म की रक्षा के लिए ‘नरसिंह वरही ब्रिगेड’ के गठन की घोषणा
-
नेशनल4 hours ago
लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबियत बिगड़ी, एम्स में भर्ती, पीएम मोदी ने फोन कर ली जानकारी
-
खेल-कूद1 day ago
भारतीय क्रिकेट टीम पहुंची साउथ अफ्रीका, खेलेगी चार मैचों की टी20 सीरीज