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प्रादेशिक

उप्र : मोदी की ‘नमामि गंगे’ परियोजना की निकली हवा!

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गाजीपुर/वाराणसी। लोकसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ केंद्र में सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘नमामि गंगे’ नामक एक ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसके लिए हजारों करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया, लेकिन लगभग 10 महीने बाद भी उनके अपने संसदीय क्षेत्र में ही यह अभियान परवान नहीं चढ़ पा रहा है।

मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव का गृह जनपद गाजीपुर भी इस अभियान में फिसड्डी साबित हुआ है। इसके अलावा पांच जिलों में निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हो पाया है।

मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’ की हकीकत उजागर करने के लिए उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग के आंकड़े पर्याप्त हैं। विभाग के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि मासिक समीक्षा के अनुसार फरवरी के अंत तक केवल 4़5 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है।

उन्होंने बताया, “गंगा किनारे बसे 25 जिलों के 109 विकास खंडों की 951 ग्राम पंचायतों की पहचान की गई थी। इनमें वर्ष 2015-16 तक 4,11,598 शौचालयों का निर्माण प्रस्तावित है, लेकिन अब तक मात्र 18,514 शौचालयों का निर्माण ही पूरा हो सका है।”

उन्होंने बताया, “केंद्र के निर्देशानुसार मार्च 2015 तक 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन हकीकत इस लक्ष्य से बहुत दूर है।”

आंकड़ों के मुताबिक, मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गांवों में प्रस्तावित 13,813 शौचालयों में से 196 का निर्माण ही पूरा हो सका है।

पंचायती राज मंत्री कैलाश यादव के गृह जनपद गाजीपुर की प्रगति भी बेहद खराब है। यहां 58,316 शौचालयों को निर्माण होना था, लेकिन 275 शौचालय ही बन सके हैं।

गौरतलब है कि बिजनौर, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ एवं मुजफ्फरनगर में एक भी शौचालय का निर्माण न होना चौंकाने वाला तथ्य है।

पंचायती राज विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। उनका केवल इतना ही कहना है कि केंद्र सरकार से दिशानिर्देश मिलने में देरी होने के कारण शौचालय निर्माण के काम में उतनी तेजी नहीं आ पाई, जितनी आनी चाहिए थी।

उल्लेखनीय है कि ‘नमामि गंगे’ परियोजना के लिए मोदी सरकार ने 2,037 करोड़ रुपये आवंटित किया था। इसके तहत ही पंचायती राज विभाग की ओर से गंगा किनारे बसे जिलों में शौचालयों का निर्माण कराया जाना था, लेकिन इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए विभाग की रफ्तार काफी धीमी है।

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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