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उप्र : युवाओं के लिए ‘पॉलिटेक्निक चलो अभियान’ चलाएगी सरकार

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लखनऊ , 11 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘स्कूल चलो अभियान’ की तर्ज पर युवाओं को पॉलिटेक्निक से जोड़ने के लिए ‘पॉलिटेक्निक चलो अभियान’ की शुरुआत की है। अभियान का मकसद युवाओं को पॉलिटेक्निक स्कूलों और उनके फायदे के बारे में बताने के साथ-साथ उन्हें रोजगार लायक तैयार करना है।

अभियान के जरिए अधिकारियों का दावा है कि इससे छात्रों को पॉलिटेक्निक स्कूलों तक लाने में बड़ी मदद मिलेगी।

व्यावसायिक एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एवं सूबे के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भुवनेश कुमार ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान बताया, सरकार पहली बार स्कूल चलो अभियान की तर्ज पर पॉलिटेक्निक चलो अभियान चला रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। यह फरवरी के पहले सप्ताह तक चलेगा।

पॉलिटेक्निक चलो अभियान के बारे में भुवनेश कुमार ने बताया, दरअसल पॉलिटेक्निक शिक्षा को लेकर बच्चों के भीतर जागरूकता का आभाव है। सामान्यता यदि किसी छात्र को पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेना होता है तो वह पहले 10वीं के बाद इंटरमीडिएट पास करता है और फिर दूसरी चीजों में जुड़ जाता है। दो तीन साल का समय व्यतीत करने के बाद फिर अचानक उसका झुकाव पॉलिटेक्निक की तरफ होता है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है।

कुमार ने कहा, हमारी कोशिश है कि पॉलिटेक्निक चलो अभियान के माध्यम से स्कूलों में जाकर बच्चों को पॉलिटेक्निक के बारे में बताया जाए। इसके लिए पॉलिटेक्निक विभाग की टीम हर जिलों में स्थित हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूलों में जाकर इस अभियान के बारे में बच्चों को बताएगी। इसमें जिलाधिकारियों से भी सहयोग करने का अनुरोध किया गया है।

उन्होंने बताया कि हमने अधिकारियों से कहा है कि पॉलिटेक्निक की टीम स्कूलों का दौरा करेगी और विभाग की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के बारे में छात्रों को बताएगी ताकि वे 10वीं के बाद ही पॉलिटेक्निक में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित हो सकें। इससे सरकारी पॉलिटेक्निक विद्यालयों में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा और समय रहते छात्रों को प्रशिक्षित किया जा सकेगा।

प्लेसमेंट की व्यवस्था के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, जी बिल्कुल। विभाग इसका भी पूरा ख्याल रखेगा। इसके लिए विभाग ने अलग से एक रणनीति तैयार की है। इसके तहत हम सरकारी पॉलिटेक्निक विद्यालयों को एक एक लाख रुपये देंगे जो बाहर से कम्पनियों को लाने पर खर्च कर सकेंगे।

उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से पहले 10 पॉलिटेक्निक विद्यालयों को प्रयोग के तौर पर एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे लेकिन यदि इसके अपेक्षित परिणाम मिले तो इसे और विस्तृत स्तर पर चलाया जाएगा और इसका लाभ और स्कूलों को भी दिया जाएगा।

भुवनेश कुमार ने हालांकि स्पष्ट तौर पर कहा कि इसमें निजी पॉलिटेक्निक विद्यालयों को शामिल नहीं किया गया है। वह अपने स्तर पर यह रकम खर्च कर प्लेसमेंट का इंतजाम कर सकते हैं।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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