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उप्र विधानसभा का सत्र मंगलवार से, बजट पेश होने के आसार

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लखनऊ, 10 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र मंगलवार से शुरू होने वाला है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वादों की पोटली खोल सकते हैं। सत्र के दौरान जहां सरकार का पूरा जोर अब तक के हुए कामकाज पर रोशनी डालने की रहेगी, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने भी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। विधानसभा का सत्र 28 जुलाई तक चलने की संभावना है। इस दौरान कुल 14 बैठकें होनी हैं। इसी सत्र में बजट भी पेश की जा सकती है। भाजपा के घोषणापत्र को अमल में लाने के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा बजट साबित हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार का बजट 3.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का होने का अनुमान है। इसकी सबसे बड़ी वजह किसानों की कर्जमाफी और सातवें वेतन आयोग को लागू करना है। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त 70 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। हालांकि यह सरकार के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि पिछले चार वषरें में सरकार पर कर्ज करीब दो तिहाई बढ़ चुका है।

सरकार पर वर्ष 2013 में जहां 2़25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, वहीं इस वर्ष यह 31 मार्च तक 3.75 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है।

विधानसभा चुनाव के बाद सरकार की ओर से बुलाए गए विशेष सत्र में विपक्ष ने सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर जमकर घेरा था। बजट सत्र में इनका रुख और आक्रामक हो सकता है। सरकार करीब 110 दिन काम कर चुकी है। सरकार ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए करीब 65 विभागों के काम का ब्यौरा भी तैयार किया है। साथ ही पिछले पांच वर्षो के समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं का ब्यौरा भी तैयार कराया है।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने में सक्षम है। शानदार शुरुआत हुई है, कानून व्यवस्था भी सुधरी है। जनता के हित में किए गए कार्यो और और निर्णयों को सदन में रखा जाएगा।

दूसरी ओर, कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा होगा। आए दिन हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं और सरकार मौन है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील यादव ने कहा, कानून व्यवस्था से लेकर विकास तक हर मोर्चे पर सरकार विफल साबित हुई है। आए दिन बड़ी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। सदन में हम इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेंगे।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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