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उप्र: विवाहिता की हत्या के मामले में पति, सास को उम्रकैद

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हमीरपुर, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में हमीरपुर जिले की एक स्थानीय अदालत ने अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर विवाहिता की जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में पति और सास को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है।

शासकीय अधिवक्ता आनंद कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को बताया, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलोज चन्द्र की अदालत ने मौदहा थाने के ढीहा डेरा गांव निवासी नरेश निषाद और उसकी मां रज्जन को विवाहिता रिंकी को अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर किरोसिन तेल डालकर जिंदा जलाकर मार डालने का आरोप साबित होने पर गुरुवार को उम्रकैद और 20-20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।

उन्होंने बताया, रिंकी की इलाज के दौरान अस्पताल में चार नवंबर 2013 को मौत हुई थी, उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष मृत्यु पूर्व दिए बयान में अपने पति नरेश और सास रज्जन पर किरोसिन तेल छिड़ककर आग लगाने का आरोप लगाया था।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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