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शिवपाल खेमे के राज्यपाल से मिलने के आसार

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शिवपाल खेमे के राज्यपाल से मिलने के आसार

लखनऊ | उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) की अंदरूनी लड़ाई खुलकर सामने आने के बाद एक दूसरे को शह-मात देने का सिलसिला जारी है। शिवपाल खेमे के सूत्रों के मुताबिक, वह आज अपने समर्थित विधायकों के साथ राज्यपाल राम नाईक से मिल सकते हैं। इस बीच सूत्रों ने यह भी बताया कि साइकिल चुनाव चिह्न् को लेकर भी दोनों पक्ष चुनाव आयोग के दरबार में पहुंचेंगे।

सपा सूत्रों की माने तो शिवपाल यादव आज कुछ विधायकों के साथ राज्यपाल से मिल सकते हैं। उनके साथ ओम प्रकाश सिंह, शादाब फातिमा, नारद राय सहित कई विधायकों के रहने की संभावना है। शिवपाल खेमे के मुताबिक, एक तरफ वह राज्यपाल से मिलकर अखिलेश खेमे पर दबाव बनाएंगे वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग में भी अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे ताकि साइकिल चुनाव चिह्न् उनके खेमे के पास ही रहे।

मुलायम सिंह रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए रविवार के अधिवेशन को अंसवैधानिक बता चुके हैं। पार्टी संविधान का हवाला देकर वह कह चुके हैं कि रामगोपाल को नहीं अध्यक्ष को अधिवेशन बुलाने का अधिकार है। अब दोनों खेमे अपने अपने प्रत्यावेदन लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह के बाद शिवपाल ने ट्विट करके रामगोपाल और अखिलेश यादव के निष्कासन खत्म करने का ऐलान तो कर दिया लेकिन इस फैसले से संबंधित लिखित आदेश जारी नहीं किया। इस आधार पर मुलायम खेमे को यह कहने का अधिकार मिल गया कि पहले से ही रामगोपाल निष्कासित हैं और अचानक संसदीय बोर्ड की बैठक में इस निर्णय की पुष्टि करवा ली।

सपा सूत्रों ने बताया कि यह बात भी मुलायम के हक में है कि अधिवेशन तो केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष ही बुला सकता है। अगर सपा पर दावेदारी का फैसला आयोग करेगा। आयोग ही साइकिल जब्त कर दोनों को नया चुनाव चिह्न् दे सकता है।

शिवपाल खेमे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल कुछ विधायक लेकर राजभवन जा सकते हैं और अखिलेश यादव को सदन में बहुमत साबित करने की चुनौती दे सकते हैं।

इधर, अखिलेश गुट की माने तो मुख्यमंत्री खुद भी राज्यपाल के पास जाकर कह सकते हैं कि उनकी सरकार में बहुमत में है। वह विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर सकते हैं। उस सूरत में वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर रह सकते हैं लेकिन बहुत कुछ राज्यपाल की रिपोर्ट और केंद्र सरकार के रुख पर निर्भर करता है।

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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