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प्रादेशिक

उम्मीद लिए घर वापसी को निकले नेपाली कामगार

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नई दिल्ली/काठमांडू, 1 मई (आईएएनएस)| जीविका के लिए भारत में रह रहे नेपाली नागरिक शुक्रवार को अपने घरों के लिए रवाना हो गए। नेपाल में 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद से उनका अपने प्रियजनों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। थाएलिन तमांग (39) ने आईएएनएस संवाददाता से नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बताया, “हम अपने परिजनों से बात नहीं कर पाए हैं।”

विमान से काठमांडू जा रहे तमांग ने कहा, वह 10 लोगों के एक समूह के साथ हैं जिनका ताल्लुक नेपाल के सिंधुपालचौक जिले से है। भूकंप से सिंधुपालचौक सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां पर 1,500 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है।

पिछले शनिवार को नेपाल में रिक्टर स्केल पर 7.9 तीव्रता से आए इस भीषण जलजले में अब तक 6,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

नेपाली कामगारों का दल अपने साथ अपने परिवारों के लिए टेंट और खाद्य सामग्री लेकर रहा है। उन्हें इस बात का भी पता नहीं है कि उनके गांव में राहत सामग्री पहुंची भी है या नहीं।

तमांग ने कहा, “हम अपनी स्वयं की आंखों से अपने परिवारों की सलामती देखना चाहते हैं। यह काफी पीड़ादयक है।”

नेर्बू शेरपा (45) ने कहा कि यद्यपि घर पर कोई नहीं है, इसके बावजूद मैं घर जा रहा हूं। उन्होंने उत्साहित होकर कहा, “वहां पर कुछ सामान है। वहां पर काफी सारी यादें हैं। मैं जो कुछ भी इकट्ठा कर सकता हूं वह इकट्ठा करना चाहता हूं।”

36 वर्षीय सेते तमांग ने कहा कि उनका परिवार और भाई सुरक्षित है, लेकिन वह उनसे बात नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा, “मैं बस उनसे मिलना चाहता हूं।”

प्रभु संगबू (33) ने आईएएनएस से कहा कि उनका घर नष्ट हो गया है। उन्होंने कहा, “वहां पर न तो पानी है, न खाना है और न ही कोई सूचना मिल पर रही है।”

नेपाल जा रहे इस समूह को आशा है कि प्रभावित जिले में पहुंचकर वे पीड़ितों की मदद कर पाएंगे।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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