Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

उसके बाद श्रीकृष्ण को वैराग्य हो गया

Published

on

Loading

बहुत दिन तक 16108 स्त्रियां से रमण करने के बाद श्रीकृष्‍ण को वैराग्‍य हो गया। और सुनो, इनको वैराग्‍य हो गया? इतने सारे बच्‍चे पैदा हुये, ये कौन हैं जो बच्‍चे पैदा हुये इनके?

तास्‍वपत्‍यान्‍यजनयदात्‍मतुल्‍यानि सर्वतः।

एकैकस्‍यां दश दश प्रकृतेर्विबुभूषया।।

(भाग 3-3-9)

अपने समान बच्‍चे पैदा किये। ध्‍यान दो। अपने समान ‘आत्‍मुल्‍यानि’ अपने समान बच्‍चे पैदा किये और फिर क्‍या हुआ? अब अवारा हो गये। अपने समान बच्‍चे, अपने समान ही अवारा हो गये। क्‍या मतलब, भगवान् अवारा हैं क्‍या? अरे अपने समान बच्‍चे पैदा किये ये, एक लाख इकसठ हजार और सब अवारा हो गये इनको मरवा देना चाहिये। वाह! और मरवा भी दिया। कौन समझेगा? अरे भगवान् की बात तो छोड़ो –

यस्‍य नाहंकृतोभावो बुद्धिर्यस्‍य न लिप्‍यते।

हत्‍वापि स इमांल्‍लोकान्‍न हन्ति न निबध्‍यते।

(गीता 18-17)

जिसकी कर्म करने में कर्तव्‍य की बुद्धि न हो, अहंकार न हो, ऐसा कर्मयोगी ही कर्म बन्‍धन में नहीं पड़ता। करोंड़ों मर्डर करने वाला अर्जुन, कुछ नहीं किया उसने, किसी को नहीं मारा। सारी दुनिया गवाही है। सब अन्‍धे हैं। ‘हत्‍वापि स इमांल्‍लोकान्’ सबको मारा और नहीं मारा। तो जब महापुरुषों का ये हाल है कि कर्म बन्‍धन उनको नहीं हो सकता, अच्‍छा करें चाहे बुरा करें-

कुशलाचरितेनैषमिह स्‍वार्थो न विद्यते।

विपर्ययेण वानर्थो निरहकारिणां प्रभो।।

(भाग 10-33-33)

शुकदेव ने डांटा था जब परीक्षित को कि तुम भगवान् पर डाउट करते हो? क्‍यों रास किया? अरे महापुरुष, उनको छू लेने वाला अच्‍छा कर्म करे तो कोई लाभ नहीं, फल नहीं मिलेगा और गलत काम करे, मर्डर, इससे और बड़ा गलत काम क्‍या होगा और एक, दो नहीं हनुमान जी ने लाखों ब्रह्महत्‍यायें कर डालीं और कर्म बन्‍धन नहीं। भगवान् ने तो कहा-

एकैकस्‍योपकारस्‍य प्राणयान् दास्‍यामि ते कपे।

शेषस्‍येहोपकाराणां भवाम ऋणिनो व्‍यम् ।।

(वा रामा)

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

Published

on

Loading

लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

Continue Reading

Trending