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बिजनेस

एचडीएफसी बैंक ने लॉन्च किया सोनिक ब्रांडिंग

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एचडीएफसी बैंक, लॉन्च किया सोनिक ब्रांडिंग, एटीएमए फोन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप्लिकेशन और वेबसाइट,

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मुंबई। एसडीएफसी बैंक ने आज एटीएमए फोन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप्लिकेशन और वेबसाइट जैसे विभिन्न माध्यमों पर उपयोग के लिए अपना सोनिक ब्राडिंग (म्यूज़िकल लोगो) पेश किया। इसका मकसद संगीत के उपयोग से एक अलग तरह की ब्रांड पहचान बनाना है, जहाँ म्यूजिकल लोगो या मोगो विभिन्न प्लेटफॉर्म से जुड़े उपभोक्ताओं के साथ सशक्त भावनात्मक जुड़ाव में मददगार होता है। विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मोगो का सृजन किया गया है। एक तो ग्राहकों की नजर में एचडीएफसी बैंक जिस दर्जे का ब्रांड है उसके बुनियादी मूल्यों का, और दूसरे, मौजूदा दौर में कारोबार के बदलते स्वरूप का ध्यान रखा गया है। आज भारत में एचडीएफसी बैंक एक प्रमुख डिजिटल बैंक के रूप में जाना जाता है जिसने तकरीबन दो दशकों से अधिक के विश्वास और जिम्मेदारी की मजबूत बुनियाद के आधार पर यह मुकाम हासिल किया है।

डिजिटल पहलू बैंक की सामयिक और युवा गुणवत्ता को दर्शाता हैए जो लक्षित ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को निरंतर उनके अनुसार ढाल रहा है। म्यूजिकल लोगो ब्रांड की संगीतमय कल्पना पेश करता है, जो मौजूदा दौर के क्रमिक विकास और उनके अनुसार बदलाव के अनुरूप है, जबकि परिचालन उत्कृष्टता, ग्राहकों पर ध्यान, उत्पाद में अग्रणी, लोग और दीर्घकालिकता जैसे ब्रांड के बुनियादी मूल्य यथावत हैं जो वक्त की कसौटी पर खरे उतरे हैं। एचडीएफसी बैंक में कार्यकारी उपाध्यक्ष और विपणन प्रमुख कार्तिक जैन कहते हैं, ‘हमारी मंशा ग्रामीण भारत में किसानों से लेकर शहरी निवासियों और सरकारी कमर्चारियों से लेकर निजी क्षेत्र में काम करने वाले जैसे अंशभागियों के बीच विभिन्न मंचों पर संगीतमय ब्रांडिंग के जरिये भावनात्मक सक्रियता बढ़ाने की है।’ वे आगे कहते हैं, ‘इससे भी परे हम अपने भीतर ऊर्जा, आशावाद और उस गतिशीलता का संदेश देना चाहते हैं जो हमारे नये ब्रांड तत्व ‘एवरीडे  इवोल्यूशन’ में संपूर्णता के साथ प्रदर्शित होता है।’

मोगोस्केप राग बिलावल और राग शुद्ध कल्याण से प्रेरित है। जहाँ राग बिलावल एचडीएफसी बैंक के नवोन्मेष और गतिशीलता को दर्शाता हैए वहीं राग शुद्ध कल्याण बैंक के मानवीय और आपकी परवाह करने वाले स्वरूप को प्रस्तुत करता है। मोगोस्केप में पियानो और गिटार जैसे सामयिक पश्चिमी वाद्य यंत्रों की सितार के साथ बेहतरीन जुगलबंदी की गयी है, जिससे यह वैश्विक आकाक्षांओं और भारतीय जड़ों का अद्भुत मिश्रण बन जाता है। सोनिक ब्रांडिंग को शामिल करना राष्ट्रव्यापी ब्रांड अभियान का अहम हिस्सा है, जिसे ‘हर जरूरत पूरी हो चुटकी में, बैंक आपकी मुठ्ठी में’ के साथ इस साल 9 अक्टूबर को पेश किया गया था। प्रिंट, रेडियो, आउटडोर मीडिया ऑटोमेटड टेलर मशीन (एटीएम) और बैंक शाखाओं तक फैला यह अभियान भारत के प्रमुख डिजिटल बैंक के तौर पर बैंक की स्थिति को और मज़बूत करेगा।

तीन महीने लंबा यह अभियान बैंक के प्रमुख उत्पादों और पेशकशों पर रोशनी डालता है, जिसमें इंस्टैंट एकाउंट, वन क्लिक पेमेंट, 10.सेकेंड्स लोन, क्विक इन्वेस्टमेंट्स जैसे उत्पाद और पेशकशें शामिल हैं, जिसमें ग्राहकों को बैंक की शाखाओं में जाने और कागजी कार्यवाही जैसी कवायदों की जरूरत नहीं है और वे अपने मोबाइल फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल से डिजिटल तरीके से इन सुविधाओं का उपयोग कर समय की बचत कर सकते हैं। अभियान का सार यही है कि डिजिटल बैंकिंग ग्राहकों के लिए बेहद सुविधाजनक होती जा रही है, जितनी पहले कभी नहीं थी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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