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करियर

एच1-बी वीजा इफेक्ट: 10 हजार अमेरिकियों को नौकरी पर रखेगा इंफोसिस

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बेंगलुरू। सॉफ्टवेयर की प्रमुख वैश्विक कंपनी इंफोसिस ने मंगलवार को कहा कि अगले दो सालों में 10 हजार अमेरिकी श्रमिकों को नियुक्त किया जाएगा। कंपनी के इस कदम को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच1-बी वीजा को लेकर जारी कार्यकारी आदेश के परिणाम के रूप में देखा जा रहा है।

कंपनी की अमेरिका में चार नई तकनीकी और नवाचार केंद्र स्थापित करने की भी योजना है। ये केंद्र अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर केंद्रित होंगे, जिसमें कृत्रिम खुफिया, मशीन लर्निग, उपभोक्ता अनुभव, उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकी, क्लाउट और बिग डेटा शामिल हैं।

पहला केंद्र अगस्त, 2017 में इंडियाना में खोला जाएगा और 2021 तक यह केंद्र अमेरिकी कर्मियों के लिए 2,000 नौकरी का सृजन करेगा।

कंपनी ने एक बयान में कहा है, “ये केंद्र प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे और ये वित्तीय सेवा, विनिर्माण, स्वास्थ्य देखभाल, खुदरा और ऊर्जा जैसे प्रमुख उद्योगों के ग्राहकों को सेवा देंगे।”

अमेरिकी ग्राहक कंपनी के सॉफ्टवेयर निर्यात राजस्व में प्रति वर्ष लगभग 60 प्रतिशत योगदान करते हैं।

इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का ने कहा, “इंफोसिस अगले दो वर्षो में 10,000 अमेरिकी टेक्नोलॉजी श्रमिकों की भर्ती करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि अमेरिका में हम अपने ग्राहकों को खोज में मदद और डिजिटल भविष्य प्रदान कर सके।”

10.3 अरब डॉलर पूंजी वाली यह कंपनी अनुभवी पेशेवरों के साथ ही प्रमुख विश्वविद्यालयों और स्थानीय सामुदायिक कॉलेजों से नए स्नातकों को नियुक्त करेगी और भविष्य के लिए प्रतिभाएं तैयार करेंगी।

हेड हंटर्स इंडिया के संस्थापक-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, के. लक्ष्मीकांत ने यहां आईएएनएस से कहा, “दरअसल, इंफोसिस ट्रंप को खुश करने के लिए अमेरिकी श्रमिकों की भर्ती करने जा रही है, जिन्होंने हाल ही में 19 अप्रैल एक आदेश जारी किया है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को अमेरिका में एच1-बी वीजा पर कार्यरत उच्च कुशल श्रमिकों को मजबूरन अधिक भुगतान करना होगा।”

इंफोसिस के उप मुख्य संचालन अधिकारी एस. रवि कुमार ने हालांकि कहा कि कंपनी जैविक वृद्धि और परिसरों में प्रतिभा तैयार करने के लिए वर्षो से अमेरिका में नियुक्तियां कर रही है।

उन्होंने कहा, “हमारे जैसी कंपनी के लिए सही रणनीति स्थानीय प्रतिभाओं का सृजन करना और अभाव के समय में उन्हें वैश्विक प्रतिभा के साथ जोडऩा है। केंद्र वहीं होंगे, जहां हमारे ग्राहक हैं और अच्छी स्थानीय प्रतिभा उपलब्ध है।”

इंडियाना के गवर्नर एरिक जे. होल्कोम ने कहा, “इंफोसिस का इंडियाना में स्वागत है और अपने अनुमानित 2,000 होजियर जॉब्स के अलावा हमारे बढ़ते तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार करना बेहद अच्छा है।”

मौजूदा समय में कोई भारतीय आईटी कंपनी अमेरिका में एच-1बी वीजा पर कार्यरत इंजीनियरों को 60,000-65,000 डॉलर प्रति वर्ष भुगतान करती है, और वे तीन साल काम करने के बाद वापस लौट आते हैं।

इंफोसिस प्रति वर्ष लगभग 3,000-4,000 इंजीनियरों को अमेरिका भेजती है, और उसे नए नियमानुसार कोटे के तहत एच-1बी वीजा का प्रतिशत मिलेगा और बाकी लॉटरी प्रणाली के तहत।

लक्ष्मीकांत ने कहा, “यदि इंफोसिस लगभग 500 अमेरिकी इंजीनियरों को नियुक्त करती है, तो इसके परिणामस्वरूप भारत में इस विदेशी कंपनी की 2,000 नौकरियां खत्म हो जाएंगी।”

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SSC GD Constable भर्ती के एप्लिकेशन फॉर्म में सुधार करने के लिए मिला मौका, जानें कब तक कर सकेंगे सुधार

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नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग यानी SSC की ओर से मंगलवार 5 नवंबर को कॉन्स्टेबल (जनरल ड्यूटी) भर्ती 2025 की परीक्षा के फॉर्म में करेक्शन के लिए विंडो को ओपन कर दिया है। जो भी उम्मीदवार अपने फॉर्म में कोई भी बदलाव करना चाहते हैं कि वह एसएससी की आधिकारिक वेबसाइट (ssc.gov.in) पर जाकर इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं। आइए जानते हैं आवेदन फॉर्म में सुधार करने की पूरी प्रक्रिया हमारी इस खबर में।

वैकेंसी डिटेल

बीएसएफ: 15654 पद
सीआईएसएफ: 7145 पद
सीआरपीएफ: 11541 पद
एसएसबी: 819 पद
आईटीबीपी: 3017 पद
एआर: 1248 पद
एसएसएफ: 35 पद
एनसीबी: 22 पद

करेक्शन की आखिरी तारीख?

कर्मचारी चयन आयोग ने जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा है कि SSC GD Constable भर्ती के एप्लिकेशन फॉर्म में सुधार की सुविधा 05.11.2024 से 07.11.2024 तक उपलब्ध कराई जाएगी। जिन अभ्यर्थियों को फॉर्म में सुधार करना है वे ‘विंडो फॉर एप्लीकेशन फॉर्म करेक्शन’ सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। SSC ने ये भी कहा है कि आखिरी तारीख के बाद काई भी अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस भर्ती के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा संभवतः जनवरी-फरवरी 2025 में आयोजित की जाएगी।

 

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