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एनएमसी विधेयक के खिलाफ डाक्टर सोमवार को रखेंगे 2 घंटे हड़ताल

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)| देश भर के चिकित्सक राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक-2017 के विरोध में सोमवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक सांकेतिक हड़ताल करेंगे।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को यह जानकारी दी।

आईएमए के महासचिव डॉ. आर. एन. टंडन ने कहा, यह विधेयक हमारे ऊपर थोपा जा रहा है। मेडिकल बिरादरी के लोग अपनी सेवाएं वापस लेकर एलापैथी मुक्त भारत रखेंगे।

आईएमए ने एक विज्ञप्ति में कहा, इस विधेयक पर उसे सख्त एतराज है। एसोसिएशन ने विधेयक में कई खामियां बताईं। हालांकि सरकार ने कुछ मुद्दों का आंशिक कर दिया है मगर प्रमुख आपत्तियां अभी भी हैं।

आईएमए को उस तंत्र को लेकर विरोध है जिसमें आयुष डॉक्टर एलोपैथिक दवा भी लिख सकते हैं। एसोसिएशन ने कहा कि ब्रिज कोर्स को अनिवार्य किए बगैर और इसे तय करने का दायित्व राज्यों पर छोड़कर केंद्र सरकार ने पहले ही पिछले दरवाजे से कथित तौर पर प्रवेश को संभव बना दिया है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेड़कर ने कहा, सबसे बड़ी चिंता का मसला निजी प्रबंधनों पर छोड़ दी गई मेडिकल सीट का प्रतिशत है। एक तरफ सरकार ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सकों की बात करती है तो दूसरी ओर शहरी क्षेत्र धनी लोगों के लिए अधिक कोटा प्रदान करती है। इस विधेयक से योग्य छात्र मेडिकल शिक्षा से पूरी तरह वंचित हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि निम्न सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोगों का ही इससे नुकसान होगा। एनएमसी में गरीब विरोधी और अमीर समर्थक झुकाव को संशोधित करना होगा।

रवि वानखेडकर ने कहा कि आईएमए इस एनएमसी विधेयक 2017 का विरोध करती है जो आम जनता, समान स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था और सभी के लिए किफायती मेडिकल शिक्षा के सिद्धांत के खिलाफ है। सरकार ने यदि इस विधेयक को लागू करने के लिए बाध्य किया तो समस्त चिकित्सा जगत अपनी सेवाएं त्यागकर ‘एलोपैथी मुक्त भारत’ मनाएगा।

आईएमए पिछले दो वर्षो से अधिक समय से भारत सरकार को इन चिंताओं से अवगत कराती आ रही है। पुरजोर विरोध के बावजूद सरकार हमारी दिक्कतों और जरूरतों की लगातार अनदेखी कर रही है।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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