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एनजीटी ने सम-विषम योजना में छूट की याचिका को ठुकराया

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नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को सम विषम परियोजना से महिला चालकों और दोपहिया वाहनों को छूट देने की दिल्ली सरकार की याचिका को ठुकरा दिया और कहा कि इस प्रस्ताव के पीछे ‘कोई तर्क’ नहीं है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से मंगलवार शाम तक शहर में ऐसे स्थानों का चुनाव करने के लिए कहा जहां हेलिकॉप्टर से पानी का छिड़काव किया जा सके और इससे वायु प्रदूषण कम करने के प्रभाव का पता लगाया जा सके।

दिल्ली सरकार की याचिका पर एनजीटी ने पूछा कि क्यों दोपहिया वाहनों को इस परियोजना से छूट दी जाए, जबकि यह प्रदूषण फैलाने की प्रमुख वजह हैं।

एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा, किस आधार पर आप दो पहिया वाहनों के लिए छूट चाह रहे हैं।

दिल्ली सरकार के वकील तरुणवीर सिंह खेहर ने जब महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया तो एनजीटी ने कहा, आप महिला स्पेशल बस क्यों नहीं चलाते हैं?

न्यायमूर्ति कुमार ने पूछा, जो प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है, उसपर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। आपने अब तक इसके लिए जिम्मेदार कितने लोगों को सजा दी है या इस संबंध में चालान काटे हैं?

एनजीटी के आदेश के बाद, दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली।

एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार सम-विषम योजना पर नई याचिका दाखिल कर सकती है।

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से ज्यादा प्रभावित इलाकों में हेलिकॉप्टर से, अगर जरूरी हो तो, पानी का छिड़काव कर इसके प्रभाव को जान सकती है।

हरित प्राधिकरण ने कहा, मंगलवार शाम चार बजे तक कोई भी एक जगह चुनें और वहां पानी का छिड़काव करें। इसके बाद पता करें कि प्रदूषण में कितनी कमी हुई है।

एनजीटी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी दिल्ली-मेरठ राजमार्ग में निर्माण कार्य की इजाजत दी लेकिन कहा कि इससे धूल प्रदूषण नहीं होना चाहिए।

दिल्ली सरकार ने पहले 13 से 17 नवंबर तक सम विषम योजना लागू करने का फैसला किया था। लेकिन, एनजीटी द्वारा सवाल उठाए जाने पर शनिवार को इसे रोक दिया और सोमवार को पुनरीक्षण याचिका दायर की जिसमें महिला चालकों और दोपहिया वाहनों को छूट देने का आग्रह किया गया था।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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